Air Pollution: दिल्ली में वायु प्रदूषण छीन सकता है जिंदगी के 10 साल, जानें- अपने शहर का हाल

Jun 15, 2022
Source: https://www.jagran.com/

यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट (EPIC) द्वारा किए गए इस अध्ययन में दिल्ली को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बताया गया है। इंस्टीट्यूट में यूएस शोधकर्ताओं ने अध्ययन में पाया कि उत्तर भारत में रह रही देश की 40 फीसद आबादी (लगभग 51 करोड़ लोग) वायु प्रदूषण की वजह से अपनी जिंदगी के औसत साढ़े सात साल (7.6 वर्ष) गंवाने की दिशा में बढ़ रहे हैं। अध्ययन में दावा किया गया है कि वायु प्रदूषण की वर्तमान स्थिति भारतीयों की औसत प्रत्याशित आयु में पांच वर्ष की कटौती कर रही है।

अध्ययन के अनुसार भारत की 130 करोड़ आबादी ऐसे क्षेत्रों में रह रही है, जहां का औसत वार्षिक वायु प्रदूषण स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा निर्धारित सुरक्षित लिमिट से ज्यादा है। यही वजह है कि भारत में खराब वायु गुणवत्ता की वजह से प्रति वर्ष लाखों लोगों की जान जा रही है। सर्दियों के महीनों में देश के ज्यादातर शहर स्मॉग युक्त प्रदूषित वायु की चादर से ढक जाते हैं। इसमें बेहद खतरनाक श्रेणी के प्रदूषण के कण होते हैं, जिन्हें पीएम-2.5 कहा जाता है। प्रदूषण के ये कण इतने छोटे होते हैं कि हमारे फेफड़ों में जाकर गंभीर बीमारियों की वजह बन सकते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि डब्ल्यूएचओ द्वारा तय मानकों के अनुरूप वायु गुणवत्ता में सुधार लाने का मतलब है कि उत्तर प्रदेश में रह रही तकरीबन 24 करोड़ आबादी की जीवन प्रत्यासा में औसत 10 वर्ष की वृद्धि करना। EPIC के अनुसार वर्ष 2013 से वैश्विक आबादी में भारत की हिस्सेदारी 44 फीसद है, जो कि वर्तमान में दुनिया का दूसरा सबसे प्रदूषित देश है। इतना ही नहीं 63 फीसद आबादी ऐसी जगहों पर रहती है, जहां भारत का वायु गुणवत्ता मानक भी पूरा नहीं होता है।

EPIC के अनुसार भारत में प्रदूषण के कण मानव जीवन के लिए सबसे बड़ा खतरा बनते जा रहे हैं। वर्ष 1998 से प्रदूषण के इन कणों में 61.4 फीसद का इजाफा हुआ है। वायु प्रदूषण की ये स्थिति धूम्रपान से भी कहीं ज्यादा खतरनाक है, जो औसत जीवन प्रत्याशा को तकरीबन ढाई वर्ष तक कम करता है। पिछले दो दशकों में भारत में बेतहाशा बढ़े प्रदूषण की वजह औद्योगिकरण, आर्थिक विकास और जीवाश्म ईंधन का आसमान छूता उपयोग है। इस दौरान भारतीय सड़कों पर वाहनों की संख्या में चार गुना से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

 

आपकी राय !

हमारे राज्य में औद्योगिक मजदूरों के हित में क्या कानून है

मौसम