एनजीओ के एफसीआरए लाइसेंस की वैधता 30 सिंतबर तक बढ़ी
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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को उन गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) लाइसेंस की वैधता 30 सितंबर तक बढ़ा दी, जिनके नवीकरण के आवेदन लंबित हैं या जिनकी वैधता जल्द ही समाप्त होने वाली है।
हालांकि, एक अधिसूचना में गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि जिन एनजीओ के नवीकरण के आवेदन को खारिज कर दिया गया है, वे विदेशी चंदा प्राप्त नहीं कर पाएंगे।
विदेशी चंदा प्राप्त करने के इच्छुक सभी गैर सरकारी संगठनों को एफसीआरए - 2010 के तहत पंजीकरण करना अनिवार्य होता है।
अधिसूचना में कहा गया है कि ऐसी संस्थाओं के पंजीकरण प्रमाण-पत्रों की वैधता 30 जून, 2022 तक बढ़ा दी गई है जिनका नवीनीकरण आवेदन लंबित है और जो वैध संस्थाएं हैं। एनजीओ की एफसीआरए वैधता पांच वर्षों के लिए होती है।
अधिसूचना में सभी एफसीआरए पंजीकृत संघों को इस बात पर ध्यान देने की सलाह दी गई है कि पंजीकरण के प्रमाण-पत्र के नवीकरण के लिए आवेदन न देने की स्थिति में प्रमाण-पत्र की वैधता उस तारीख के बाद समाप्त हो गई मानी जाएगी जिस तारीख तक वह वैध थी। ऐसे एनजीओ विदेशी योगदान प्राप्त करने या प्राप्त विदेशी योगदान का उपयोग करने के लिए पात्र नहीं होंगे।
सरकार ने पिछले पांच वर्षों में कानून के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले लगभग 1900 गैर सरकारी संगठनों का एफसीआरए पंजीकरण रद्द कर दिया है। ज्ञात हो कि दिसंबर 2021 तक एफसीआरए के तहत 22,762 पंजीकृत संगठन थे।