बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य से पूछा, क्या मुंबई पुलिस कमिश्नर POCSO केस में एफआईआर दर्ज करने के लिए डीसीपी की मंजूरी अनिवार्य करने वाला सर्कुलर वापस ले लेंगे

Jun 17, 2022
Source: https://hindi.livelaw.in

जस्टिस मोहिते डेरे और जस्टिस वीजी बिष्ट की खंडपीठ अधिनियम के दुरुपयोग को रोकने के इरादे से 6 जून, 2022 को जारी सर्कुलर को चुनौती पर सुनवाई कर रही थी।
यह ध्यान दिया जा सकता है कि सर्कुलर के खिलाफ हालिया नाराजगी के कारण पुलिस कमिश्नर ने घोषणा की कि इसे स्थगित रखा जाएगा। नंदुरबार की एक आदिवासी महिला की याचिका पर बेंच ने गुरुवार को सुनवाई की। महिला ने दावा किया कि पुलिस ने दस महीने बीत जाने के बाद भी कथित तौर पर एक पुलिसकर्मी द्वारा उसकी बेटी के यौन उत्पीड़न पर ध्यान देने से इनकार कर दिया। महिला के वकील अर्जुन कदम ने कहा कि सर्कुलर का कोई कानूनी आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि पोक्सो अधिनियम की धारा 19 में यौन उत्पीड़न के मामलों में एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया स्पष्ट रूप से निर्धारित है।
इसके अलावा पुलिस सर्कुलर के माध्यम से संसदीय कानून में संशोधन नहीं कर सकती। कदम ने तर्क दिया कि ललिता कुमारी के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार एक प्रारंभिक जांच केवल यह पता लगाने के लिए की जाती है कि कोई अपराध संज्ञेय है या नहीं। आरोप सही हैं या नहीं, यह जांच के बाद ही तय होगा। उन्होंने कहा कि पोक्सो के तहत सभी अपराध संज्ञेय हैं, इसलिए प्रारंभिक जांच की जरूरत नहीं है। अदालत ने तब इस मुद्दे पर राज्य का रुख जानना चाहा। चूंकि लोक अभियोजक ने कहा कि उसके पास कोई निर्देश नहीं है, इसलिए पीठ ने उसे सीधे पुलिस कमिश्नर संजय पांडे से निर्देश लेने के लिए कहा जिन्होंने सर्कुलर जारी किया था। कोर्ट ने पीपी से पूछा कि क्या पुलिस कमिश्नर सर्कुलर को वापस लेने के लिए तैयार हैं। इसके बाद इसने मामले को 23 जून, 2022 को सुनवाई के लिए पोस्ट कर दिया।
 

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