पीएफ विभाग में 6 करोड़ का घोटाला पकड़ा गया

Jul 08, 2019

पीएफ विभाग में 6 करोड़ का घोटाला पकड़ा गया

कर्मचारियों का पी एफ का पैसा एचआर एग्जीक्यूटिव और झोलाछाप कंसल्टैंट्स ने डकारा
यह घोटाला दिल्ली मुख्यालय की स्पेशल आॅडिट टीम एवं आंचलिक धोखाधड़ी विश्लेषण और प्रबंधन कमेटी-उत्तरी जोन द्वारा नवंबर 2017 से मई 2018 तक क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त कार्यालय नोएडा में किया गया था।

  • मामले की सीबीआई जाँच करवाये जाने की माँग
  • सरकारी विभाग का मुकदमा जब पुलिस नहीं दर्ज कर रही है तो कैसे एक साधारण आदमी पुलिस से अपना काम करवा सकता है
  • डी के सिंह को तुरंत डी-पैनल किया जाये
  • आरोपितों को गिरμतार करके कड़ी सजा दी जाये।

-उद्योग विहार (जुलाई 2019)- नोएडा।
कर्मचारी भविष्य निधि विभाग नोएडा में 6 करोड़ रूपये का घोटाला सामने आया है जिसमे अधिकतर कंपनियों के एचआर एग्जीक्यूटिव एवं कुछ झोला छाप कंसल्टैंट्स की मिलीभगत है। इस पूरे मामले को जब नोएडा पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के लिए दिया गया तो पुलिस ने मुकदमा नहीं दर्ज किया। पुलिस ने मुकदमा क्यों नहीं दर्ज किया यह सोचनीय विषय है। खैर अब विभाग न्यायालय की शरण में गया है ताकि आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो सके. इस पूरे मामले में 184 लोगों को आरोपित बनाया गया है, जिन्होंने 220 कम्पनियों में धोखाधड़ी की है। कर्मचारी किसी तरह अपना पेट काटकर अपने भविष्य के लिए पैसा जमा करते हैं लेकिन यहाँ पर पैसा उनका कितना सुरक्षित है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की उनके पी एफ अकाउंट से उनका पैसा गायब हो गया है। इस तरह के मामले का पता अब चल गया क्योंकि अब विभाग में सारा सिस्टम ऑनलाइन एवं के वाई सी से लिंक हो गया है जिसकी वजह से यह पता करना आसान हो गया है की किस कर्मचारी का पैसा किसके अकाउंट में जा रहा है। यदि अकेले नोएडा में 6 करोड़ का घोटाला पकड़ा गया है तो यदि सभी कार्यालयों की जाँच की जाये तो बहुत बड़े घोटाले का पर्दाफाश हो सकता है। सबसे दुःखद बात यह है की इस मामले पर पर्दा डालकर आरोपितों को बचाने की कोशिश की जा रही है जिसमें पी एफ विभाग के पैनल पर शामिल एडवोकेट डी के सिंह महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और कम्पनियों में फोन करके उनके मालिकों को धमका रहा है जबकि इस पूरे मामले में कंपनियों का कोई दोष नहीं है। लेकिन यह कम्पनियों में फोन करके मालिकों को धमका कर पैसे वसूलने का काम कर रहा है। इसकी शिकायतें कई कम्पनी के मालिकों ने क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त एन के सिंह से की है जिसके बाद एन के सिंह ने डी के सिंह को चेतावनी पत्र भी जारी किया है लेकिन फिर भी इसको कोई फर्क नहीं पड़ा है और अब एन के सिंह ने कहा है की इसको किसी भी कम्पनी में फोन करने का कोई अधिकार नहीं है और यदि ये किसी को फोन करता है तो आपको इससे बात करने की कोई आवश्यकता नहीं है। एन के सिंह ने भी स्वीकार किया है की मेरे पास भी कई कंपनियों से फोन आये हैं की यह उनको धमका रहा है और मै इसको विभाग से डी-पैनल करवाने के लिए केन्द्रीय भविष्य निधि आयुक्त को लिखूँगा। और कड़ी कार्यवाही करूंगा क्योंकि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है इसलिए इस मामले में इसको किसी भी तरह की दखलंदाजी करने का कोई अधिकार नहीं है। इस घोटाले में कई झोलाछाप कंसलटेंट और एचआर के लोग मिले हुए हैं जिनको बचाने का प्रयास डी के सिंह द्वारा किया जा रहा है। इस घोटाले में कई ऐसे केस हैं जिनमे नियोक्ता के फर्जी हस्ताक्षर से पैसे दूसरे अकाउंट में निकाले गए हैं जबकि वह पैसा उसका था ही नहीं। इसी तरह एक ही दिन में एक ही बैंक में 19 अकॉउंट एक सीरियल से खुलवाए गए हैं और उनमे पैसा ट्रान्सफर किया गया है। कई केस ऐसे भी हैं जिनमे एक आदमी के बैंक अकॉउंट में 25 पी एफ अकॉउंट का पैसा आया है।

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इस सम्बन्ध में नॉएडा अपैरल एक्सपोर्ट क्लस्टर के सेक्रेटरी जनरल पी एन सिंह का कहना है की इस मामले में आरोपितों को तुरंत गिरफ्तार करना चाहिए और डी के सिंह को पी एफ विभाग से डी -पैनल किया जाना चाहिए जो कम्पनी मालिकों को फोन करके धमका रहा है जबकि उनकी कोई गलती नहीं है। जो असल गुनहगार हैं उनको बचाया जा रहा है। इसकी सी बी आई जाँच होनी चाहिए। एल एल ए ए यू पी के चेयरमैन आर से माथुर ने कहा है की डी के सिंह को तुरंत डीपैनल किया जाये और आरोपितों को गिरफ्तार करके कड़ी सजा दी जाये। एल एल ए ए यू पी के वाइस चेयरमैन आई एस वर्मा ने डी के सिंह को डीपैनल करने की माँग की है और कहा की उसको भी इस मामले में आरोपित बनाया जाये क्योंकि वह आरोपितों का साथ दे रहा है और उनको बचाने के लिए केस को कमजोर कर रहा है। एल एल ए ए यू पी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. एस एस उपाध्याय ने डी के सिंह को डीपैनल करने के लिए कहा है। उनका कहना है कि यह कम्पनी मालिकों को फोन करके धमका रहा है इसलिए इसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए। एल एल ए ए यू पी के प्रदेश अध्यक्षसत्येन्द्र सिंह ने कहा है की इसको कंपनियों को फोन करने का कोई अधिकार नहीं है और इसने पी एफ विभाग के सामानांतर एक ऑफिस बना लिया है जिसमे यह कंसल्टैंटों और कंपनी मालिकों को धमका कर बुलाता है और मोटे पैसे वसूलता है इसकी शिकायत कई कम्पनी मालिकों ने क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त प्रथम एन के सिंह से भी की है और उन्होंने इसको चेतावनी भी मेल के माध्यम से दी है। उनका कहना है की इसकी वजह से विभाग की बदनामी हो रही है इसको डीपैनल करवाने के लिए हम केंद्रीय कार्यालय दिल्ली को लिखेंगे। सत्येन्द्र सिंह ने सभी से अनुरोध किया है की ये यदि आपको फोन करता है तो इससे इसकी भाषा में ही जवाब दीजिये और इसको सबक सिखाइये। यदि आप हाथ पर हाथ धरे बैठे रहेंगे तो ऐसे लोगों का दिमाग खराब होगा ही। मेरठ पी एफ विभाग की इस मामले में जांच करवाई जानी चाहिए क्योंकि जिस गिरोह ने इस घोटाले को अंजाम दिया है उसके तार मेरठ पी एफ ऑफिस में गहरे तक जुड़े हैं इसलिए इसकी जाँच मेरठ में भी होनी चाहिए। मेरठ में इससे कई गुना बड़ा घोटाला सामने आएगा। इस केस में महत्वपूर्ण बात यह है की जब पी एफ विभाग पुलिस में मुकदमा दर्ज करवाने गया तो उसने नहीं दर्ज किया और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने भी कोई सुनवाई नहीं की जिसकी वजह से विभाग को कोर्ट जाना पड़ा है। कितना अजीब है की एक सरकारी विभाग का मुकदमा जब पुलिस नहीं दर्ज कर रही है तो कैसे एक साधारण आदमी पुलिस से अपना काम करवा सकता है और योगी के शासन काल में भी पुलिस का यह हाल है तो मामला अत्यंत ही गंभीर हो जाता है।

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  1.  एल एल ए ए यू पी के प्रदेश अध्यक्ष सत्येन्द्र सिंह ने कहा है मेरठ पी एफ विभाग की इस मामले में जांच करवाई जानी चाहिए क्योंकि जिस गिरोह ने इस घोटाले को अंजाम दिया है उसके तार मेरठ पी एफ आॅफिस में गहरे तक जुड़े हैं इसलिए इसकी जाँच मेरठ में भी होनी चाहिए। मेरठ में इससे कई गुना बड़ा घोटाला सामने आएगा।
  2. नोएडा अपैरल एक्सपोर्ट क्लस्टर के अध्यक्ष ललित ठुकराल ने डी के सिंह को डीपैनल करने की माँग की है और कहा है की यह कंपनी मालिकों को फोन करके धमका रहा है। उन्होंने कहा है की विभाग इस मामले में जो भी आरोपित है उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही करे और कहा की कंपनी मालिक के फर्जी हस्ताक्षर करके यदि कोई पैसे निकालता है तो इसमें कंपनी मालिक का क्या कसूर है जो उसको प्रताड़ित किया जा रहा है। इस पूरे मामले की सी बी आई जाँच करवाये जाने की जरुरत है।
  3. एन इ ए के अध्यक्ष विपिन मल्हन ने भी डी के सिंह को डीपैनल करने की माँग करते हुए कहा है की उद्योगपतियों एवं व्यापारियों का उत्पीड़न किसी भी कीमत पर बर्दास्त नहीं किया जायेगा। जो भी आरोपित हैं उनको कड़ी सजा दिलवाई जाए और
    व्यापारियों को फोन करके धमकाया ना जाये। क्योंकि इस केस में उनका कोई दोष नहीं है। यदि उनको धमकाया जाता है तो एनइए सख्त एक्शन लेगा।

  4. क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त प्रथम गौतमबुद्ध नगर एन के सिंह ने कहा है की दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा और कड़ी कार्यवाही की जायेगी। और जो भी इस केस में आरोपित हैं उनको कड़ी सजा दिलवाई जाएगी।

    हिन्द मजदूर सभा के महासचिव आर पी सिंह चौहान ने कहा है की श्रमिकों के खून पसीने की कमाई को लूटा गया है और हिन्द मजदूर सभा इस मामले को दबाने का प्रयास करने वाले डी के सिंह और झोलाछाप कंसल्टैंटों की गिरμतारी होने तक बहुत जल्द ही एक वृहद आंदोलन करने जा रही है और श्रमिकों का पूरा पैसा वापस मिलने तक यह आंदोलन जारी रहेगा। इनका कहना है की डी के सिंह ने इन कंसल्टैंटों से मोटा पैसा खाया है इसकी भी जाँच होनी चाहिए।

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