संकट को बनाया अवसर, बदल गई कारोबार की चाल, उद्योगों का चक्र चलाकर दी आर्थिक ताकत Aligarh news

Mar 22, 2021
Source: https://www.jagran.com/

अलीगढ़, जेएनएन : अब से एक साल पहले 22 मार्च 2020 को सड़कों पर सन्नाटा था। कोरोना संकट के चलते पीएम नरेंद्र मोदी की अपील पर जनता कफ्र्यू के पालन के लिए लाक सिटी के लोग घरों में कैद हो गए थे। ङ्क्षजदगी के साथ औद्योगिक गतिविधियां थम गई थीं। सीएम योगी ने प्रदेश में लाकडाउन का एलान किया। फिर पीएम ने 24 मार्च को 21 दिन के देशव्यापी लाकडाउन का एलान किया। सरकार ने घर-घर फल-सब्जी, दूध व दवा पहुंचाने का एलान किया। ताला-हार्डवेयर, आर्टवेयर सहित अन्य प्रोडक्ट की फैक्ट्रियों में ताले पड़ गए। ऐसे में शहर के उद्योगपतियों ने आगे आकर किस तरह सरकार का साथ दिया, पेश है एक रिपोर्ट... 

देश में संक्रमण रौद्र रूप दिखाने लगा तो सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर रखने के लिए प्रोडक्शन कंपनियों को जुटाया। हिक्स थर्मामीटर इंडिया लिमिटेड के सीएमडी सिद्धार्थ गुप्ता ने कंपनी की कमान संभाली। प्रशासन के सुझाव पर 27 मार्च को फैक्ट्री में काम करने के लिए गाइड लाइन के अनुसार स्ट्रक्चर तैयार किया गया। कंपनी के चेयरमैन हरी प्रकाश गुप्ता ने सीसीटीवी कैमरों से उत्पादन की निगरानी की। मास्क, थर्मल स्केनर, पीपीई किट, सैनिटाइजर, पल्स आक्सी मीटर की सप्लाई की गई। पब्लिक ट्रांसपोर्ट नहीं था, खुद की गाड़ी जाती थीं। हरी प्रकाश गुप्ता के पौत्र यर्थात गुप्ता अमेरिका से अधूरी पढ़ाई छोड़कर वतन आ गए। यह भी कंपनी के नए प्रोडक्ट की खोज में जुट गए, सफलता भी मिली। यह खोज री यूजेबल पीपीई किट, सैनिटाइजर थी। सर्जिकल मास्क, एन -95 मास्क, पल्स आक्सीमीटर तैयार करने लगे।  

खुला था देश का पहला एंटी कोरोना शाप 

कोरोना की चुनौतियों में सोच से नए रास्ते भी बन रहे थे। लाकडाउन के चलते शहर के प्रमुख सीसीटीवी कैमरों के कारोबारी अनिल कुमार परयानी का कारोबार थम गया था। रामघाट रोड स्थित शोरूम के खर्च व कर्मचारियों के वेतन के भी लाले पढऩे लगे। इन्होंने संकट को अवसर में बदलने की ठानी। उन्होंने 20 मई को इसी शोरूम में देश की पहली एंटी कोरोना शाप खोली। इसमें एक ही छत के नीचे मास्क की 100 से अधिक रेंज, दर्जनभर वैरायटी में सैनिटाइजर, पीपीई किट, हाथों के दस्ताने, आटोमेटिक डिस्पेंसर व पैड स्टैंड मशीन, स्प्रे मशीन सहित तमाम उत्पाद मिलने लगे। सैनिटाइजर की होम डिलिवरी की सुविधा दी। 

दिन रात की आटा, सूजी व मैदा की सप्लाई 

संकट के बीच जब आटा, सूजी, मैदा व चावल बाजार में शार्ट होने लगा। कालाबाजारी की सूचना पर उत्तर प्रदेश रोलर फ्लोर मिलर्स एसोसिएशन के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ङ्क्षसघल ने जिला प्रशासन से कहा कि इन खाद्य वस्तुओं की कमी नहीं आने दी जाएगी। सरकारी गेहूं एजेंसियों को मिल मालिकों ने एडवांस भुगतान कर गोदामों में गेहूं उतरवा दिया। उर्मिला फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के सीएमडी निर्वेश वाष्र्णेय ने भी अपने मिलों की उत्पादन क्षमता बढ़ाकर वाजिव रेट पर उत्पाद बाजार में उतार दिए। बाजार में आटा, सूजी व मैदा की भरमार कर दी। तब ब्रांडेड कंपनियों के 10 किलो के पैकेट की 400 रुपये तक की कीमत को रोका जा सका। 

रोजगार बरसाने के लिए लघु उद्योग भारती ने संभाली कमान 

जब रोजगार को लेकर देश में हाहाकार मचने लगा, तब सरकार ने कड़ी शर्तों के साथ फैक्ट्री चलाने की मंशा जाहिर की। लघु उद्योग भारती के जिलाध्यक्ष गौरव मित्तल ने आठ अप्रैल को सबसे पहले अपनी फैक्ट्री खोली। इसके बाद उद्योगों का चक्र चल पड़ा। अन्य फैक्ट्रियों को खोलने के लिए संचालकों ने उद्योग केंद्र में डेरा डाल दिया, ताकि प्रशासनिक प्रक्रिया पूरी की जा सके। अधिकांश फैक्ट्रियों में सैनिटाइजर टर्नल बनाए गए। कंपनियों के प्रशासनिक ब्लाक का इंटीरियर बदला गया।

 

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