गुरुमूर्ति ने रिजर्व बैंक के आरक्षित भंडारण के नियम में बदलाव की वकालत की

Dec 03, 2019

गुरुमूर्ति ने रिजर्व बैंक के आरक्षित भंडारण के नियम में बदलाव की वकालत की

नई दिल्ली: 

अगले हफ्ते भारतीय रिज़र्व बैंक के बोर्ड की होने वाली अहम बैठक से पहले केंद्रीय बैंक के स्वतंत्र निदेशक और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारक एस गुरुमूर्ति ने बृहस्पतिवार को रिज़र्व बैंक के आरक्षित भंडारण के नियम में बदलाव की वकालत की है.

उन्होंने कहा कि आरबीआई के पास 9.6 करोड़ रुपये आरक्षित भंडार है और दुनिया के किसी भी केंद्रीय बैंक के पास इतना आरक्षित भंडारण नहीं है. कुछ महीने पहले ही आरबीआई बोर्ड के निदेशक नियुक्त किए गए गुरुमूर्ति ने कहा कि भारत में निर्धारित पूंजी पर्याप्तता अनुपात एक प्रतिशत है जो बेसेल के वैश्विक नियम से ज्यादा है.

गुरुमूर्ति ने छोटे एवं मंझोले उद्योगों के लिए कर्ज नियमों को आसान बनाने की भी वकालत की जो देश की जीडीपी का 50 प्रतिशत है. आरबीआई और वित्त मंत्रालय के बीच विवाद शुरू होने के बाद सार्वजनिक तौर पर पहली बार टिप्पणी करते हुए गुरुमूर्ति ने कहा कि यह गतिरोध अच्छी बात नहीं है.

आरबीआई के बोर्ड की बैठक सोमवार को होनी है जिसमें पीसीए के नियमों को सरल करना, आरक्षित भंडारण को कम करने और एमएसएमई को ऋण बढ़ाने समेत सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हो सकती है.
गुरुमूर्ति ने कहा कि यदि नवंबर, 2016 में नोटबंदी नहीं की गई होती, तो अर्थव्यवस्था ढह जाती. उन्होंने विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन में व्याख्यान में कहा कि नोटबंदी से 18 माह पहले 500 और 1,000 रुपये के नोट 4.8 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गए थे. (इनपुट भाषा से)