बड़े सुधारो से भारत हासिल कर सकता है 10 प्रतिशत वृद्धि
बड़े सुधारो से भारत हासिल कर सकता है 10 प्रतिशत वृद्धि
नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने कहा है कि भारत में 10 प्रतिशत वृद्धि दर हासिल करने की क्षमता है लेकिन उसे श्रम कानून तथा भूमि अधिग्रहण जैसे क्षेत्रों में बड़े सुधारों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर नरेंद्र मोदी सरकार के पहले तीन साल में 7.5 प्रतिशत रही लेकिन दो प्रमुख सुधारों नोटबंदी और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से वृद्धि दर थोड़ी नीचे आयी है। चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहेगी जो बेहतर है।
यहां वाणिज्य दूतावास द्वारा आयोजित ‘न्यू इंडिया’ व्याख्यान श्रृंखला के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कोलंबिया विश्विवद्यालय के प्रोफेसर पनगढ़िया ने कहा, ‘‘मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारत आठ प्रतिशत से अधिक वृद्धि के रास्ते पर लौटेगा। संभवतरू भारत एकमात्र विकल्प है।’’ ‘न्यू इंडिया’ व्याख्यान श्रृंखला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2022 तक न्यू इंडिया के दृष्टिकोण से प्रोत्साहित है। यह भारत के वाणिज्य दूत संदीप चक्रवर्ती की पहल है। उन्होंने कहा कि हालांकि, चीन संभवतरू 6 से 7 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है लेकिन आने वाले वर्ष में उसकी वृद्धि दर घटकर 5 प्रतिशत पर आ सकती है। पनगढ़िया ने कहा कि भारत जिस तरीके से सुधारों को आगे बढ़ा रहा है, अगले दो दशक तक उच्च वृद्धि दर हासिल करेगा। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ा है और इसमें कोई संदेह नहीं है कि देश में 10 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर की क्षमता है। अगले बजट के बारे में पूछे गये सवाल के जवाब में पनगढ़िया ने कहा, ‘‘...मेरे विचार से यह सुधार उन्मुख होगा।’’