चीन पर निर्भरता खत्म करें भारतीय आटो कंपनियां, निर्यात बढाएं आटो पा‌र्ट्स निर्माता

Aug 31, 2021
Source: https://www.jagran.com/

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारतीय आटोमोबाइल कंपनियां अभी भी कई तरह के कल-पुर्जे के लिए चीन पर निर्भर हैं। चीन में सेमीकंडक्टर निर्माण के प्रभावित होने का असर देश की आटो कंपनियों को भी उठाना पड़ रहा है। ऐसे में आटो पा‌र्ट्स बनाने वाली भारतीय कंपनियों को तेजी से भारत में ही हर तरह के आटो पा‌र्ट्स के निर्माण शुरू करने की योजना पर काम करना होगा। यह सुझाव नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने गुरुवार को आटोमोटिव कंपोनेंट मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन (एक्मा) के सालाना अधिवेशन के दौरान दिया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हमारी नीति ऐसी होनी चाहिए, जिससे चीन पर निर्भरता कम हो। पिछले दो दिनों में आटोमोबाइल सेक्टर में यह दूसरा बड़ा सम्मेलन था, जिसमें नीति बनाने वाले अधिकारी और आटो कंपनियों के प्रतिनिधियों ने सीधे तौर पर बात की।

मौजूदा नीतियों को और आकर्षक बनाए सरकार

आटो कंपनियों और आटो पा‌र्ट्स बनाने वाली कंपनियों ने भी माना कि हाल के कुछ महीनों से जिस तरह से दूसरे देशों से कई तरह के उपकरणों की उपलब्धता प्रभावित हुई है उसे देखते हुए भारत में ही इन सभी उपकरणों के निर्माण शुरू करना होगा। इसके लिए कई आटो कंपनियों के प्रतिनिधियों ने सरकार की मौजूदा नीतियों को और ज्यादा आकर्षक बनाने की भी मांग की। खास तौर पर कोरोना काल में चीन की सेमीकंडक्टर बनाने वाली कंपनियों की आपूर्ति प्रभावित हो रही है। इस मुद्दे को उठाते मारुति सुजुकी, हुंडई जैसी कई कंपनियो ने उठाया।

निर्यात बढाएं आटो पा‌र्ट्स निर्माता

भार्गवमारुति सुजुकी के चेयरमैन आर सी भार्गव ने भारत आटो पा‌र्ट्स निर्माता कंपनियों की तरफ से वर्ष 2019 में 15 अरब डालर के निर्यात की तारीफ की लेकिन यह भी कहा कि यह कुल वैश्विक कारोबार का महज 1.2 फीसद है। अगर सरकार और निजी क्षेत्र इस बारे में सहयोग करें तो यह हिस्सेदारी सात से आठ फीसद भी जा सकती है।

शोध पर जोर दें कंपनियां

एक्मा सम्मेलन के एक सत्र को संबोधित करते हुए आटोमोबाइल मैन्यूफैक्च¨रग कंपनियों के संगठन सियाम के प्रेसिडेंट केनिची आयुकावा ने सेमी कंडक्टर की आपूर्ति प्रभावित होने का मुद्दा उठाया। इस संदर्भ में केंद्र सरकार की तरफ से नीति घोषित करने का उन्होंने स्वागत किया लेकिन कहा कि इसका नतीजा भविष्य में निकलेगा। सेमीकंडक्टर की कमी को एक बड़ी चुनौती बताते हुए कहा कि अगर भारत में आटो पा‌र्ट्स बनाने वाली कंपनियां चाहें तो इसे एक बड़े अवसर में भी तब्दील कर सकती हैं। हमारी नीति ऐसी होनी चाहिए कि इस तरह की चुनौतियां का सामना किया जा सके। सेमीकंडक्टर निर्माण में बहुत ही ज्यादा निवेश की जरूरत है, इसके लिए संयुक्त तौर पर काम करना होगा।

 

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