सरकारी प्रतिभूतियों में दो लाख करोड़ बढ़ सकती है RBI की हिस्सेदारी, रिकॉर्ड कर्ज लेने की तैयारी में सरकार

Feb 14, 2022
Source: https://www.jagran.com

रिजर्व बैंक (RBI) की सरकारी प्रतिभूतियों में हिस्सेदारी करीब दो लाख करोड़ रुपये बढ़ सकती है क्योंकि अगले वित्त वर्ष में सरकार द्वारा रिकॉर्ड कर्ज लेने की योजना है। बता दें कि केंद्रीय बैंक के पास पहले ही 80.8 लाख करोड़ के बकाया सरकारी बॉन्ड में 17 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकार द्वारा अगले वित्त वर्ष में रिकॉर्ड कर्ज लेने की योजना के मद्देनजर रिजर्व बैंक (RBI) की सरकारी प्रतिभूतियों में हिस्सेदारी करीब दो लाख करोड़ रुपये बढ़ सकती है। केंद्रीय बैंक के पास पहले ही 80.8 लाख करोड़ के बकाया सरकारी बॉन्ड में 17 प्रतिशत हिस्सेदारी है। एसबीआइ रिसर्च की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बड़े कर्ज कार्यक्रम की वजह से रिजर्व बैंक को कम से कम दो लाख करोड़ रुपये के बॉन्ड के लिए खरीदार तलाशने होंगे क्योंकि बैंक सामान्य तौर पर 10 साल से कम के लघु अवधि के कर्ज का विकल्प चुनते हैं। बजट 2022-23 में सरकार द्वारा 14.5 लाख करोड़ का सकल कर्ज लेने का अनुमान है।

राज्यों द्वारा लिया जाने वाला कर्ज मिला लिया जाए तो यह 23.3 लाख करोड़ रुपये हो जाता है। जबकि शुद्ध कर्ज 17.8 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। सरकार के 80.8 लाख करोड़ रुपये के बकाया बॉन्ड में वित्तीय संस्थानों के बाद केंद्रीय बैंक का हिस्सा दूसरे नंबर पर है। बकाया बॉन्ड में सबसे बड़े हिस्सेदार वित्तीय संस्थान हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 2061 तक मेच्योर होने वाली सरकारी प्रतिभूतियां 80.8 लाख करोड़ रुपये थीं। इनमें से 37.8 प्रतिशत प्रतिभूतियां बैंकों के पास, 24.2 प्रतिशत बीमा कंपनियों के पास थीं। कुल मिलाकर इनके पास 62 प्रतिशत प्रतिभूतियां थीं। जबकि, केंद्रीय बैंक के पास 17 प्रतिशत प्रतिभूतियां थीं।

आरबीआई का अनुमान- 2022-23 में खुदरा मुद्रास्फीति 4.5% रहने का अनुमान

बता दें कि आरबीआई ने हाल ही में कहा था कि फसल उत्पादन बेहतर रहने, आपूर्ति की स्थिति में सुधार को लेकर किये गये उपायों और मानूसन अच्छा रहने की संभावना के साथ उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के एक अप्रैल, 2022 से शुरू अगले वित्त वर्ष में 4.5 प्रतिशत पर आ जाने की संभावना है। मुद्रास्फीति का यह अनुमान आरबीआई के संतोषजजनक स्तर के काफी करीब है। हालांकि, वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम में तेजी से इसके ऊपर जाने जोखिम बना हुआ है। रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिये मुद्रास्फीति अनुमान को 5.3 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।

 

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