स्टार्ट-अप्स में देश का विकास इंजन बनने की क्षमता, 41,061 हो चुकी है भारतीय स्टार्ट-अप की संख्या
Source: jagran.com
नई दिल्ली, पीटीआइ। सदन में पेश आर्थिक सर्वेक्षण, 2020-21 में स्टार्ट-अप्स के बेहतर भविष्य को लेकर कई बातें कही गई हैं। सर्वे के अनुसार, कोरोना काल की विषम परिस्थितियों से आगे निकलते हुए पिछले साल 12 स्टार्ट-अप्स ने यूनीकॉर्न यानी एक अरब डॉलर से अधिक मूल्य का दर्जा हासिल किया है। इसे मिलाकर भारत अब एक अरब डॉलर मूल्य वाले 38 स्टार्ट-अप का घर बन चुका है। इस दिशा में हालांकि और तेजी से प्रगति करना अभी बाकी है।
शुक्रवार को पेश आर्थिक सर्वे में सरकार ने उम्मीद जताई है कि देश के विकास में स्टार्टअप्स इंजन की भूमिका निभा सकता है। इनके प्रोत्साहन के लिए सरकार द्वारा तैयार इकोसिस्टम में वे सभी तत्व मौजूद हैं जिनकी मदद से ये देश को नई ऊंचाई पर ले जा सकेंगे। 23 दिसंबर, 2020 तक के आंकड़ों के मुताबिक, देश में स्टार्टअप्स की तेजी से बढ़ती संख्या 41,061 तक पहुंच गई। इनमें 4.7 लाख लोगों को रोजगार भी दिया जा चुका है।
स्टार्ट-अप की मदद के लिए सरकार पहले ही 'स्टार्ट-अप इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया' अभियान की शुरुआत कर चुकी है। इसके अलावा फंड की कमी को दूर करने के लिए 10,000 करोड़ रुपये का एकमुश्त फंड भी तैयार किया गया है। विकास को नई गति देने के उद्देश्य से 319 स्टार्ट-अप को आयकर से राहत भी दी गई है।
सर्वे से जानकारी मिली कि फिलहाल देश में 40 से ज्यादा स्टार्ट-अप स्पेस व सेटेलाइट से जुड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। इनकी मदद से भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में लंबी छलांग लगाने की तैयारी में जुटा है। सर्वे में बताया गया कि स्टार्ट-अप की मदद को सिडबी व अन्य सरकारी संस्थाएं आगे बढ़कर फंड उपलब्ध करा रही हैं। इस दिशा में सिडबी कुल 4,326.95 करोड़ रुपये की मदद उपलब्ध करा रहा है।