Budget 2024 : जानिए कौन हैं भारतीय बजट के जनक, कब पेश किया गया पहला केंद्रीय बजट

Jan 07, 2024

Who Is Shanmukham Chetty : स्वतंत्रता के बाद 26 नवंबर, 1947 को आरके शनमुखम चेट्टी ने आजाद भारत का पहला बजट पेश किया था. ये बजट में बिना किसी टैक्स प्रपोजल के था.

Who Is Father Of Indian Budget : देश के आम बजट को लेकर केंद्र सरकार तेजी से तैयारी कर रही है. 1 फरवरी, 2024 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण छठी बार देश का आम बजट पेश करेंगी. हर साल एक फरवरी को बजट पेश किया जाता है, जिसमें आम नागरिकों के हित को ध्यान में रखकर बड़ी घोषणाएं की जाती हैं. देश का पहला बजट आजादी से पहले ब्रिटिश काल में जेम्स विल्सन ने पेश किया था. इसके बाद इसमें कई बदलाव हुए. लेकिन क्या आप जानते हैं? भारतीय बजट का जनक किसे कहा जाता है? पहली बार कब केंद्रीय बजट को पेश किया गया था? आज हम आपको इस बारे में विस्तार से बताएंगे.

भारतीय बजट के पितामह

भारत को 15 अगस्त, 1947 को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी. स्वतंत्रता के बाद 26 नवंबर, 1947 को आरके शनमुखम चेट्टी ने आजाद भारत का पहला बजट पेश किया था. उस बजट में कर प्रस्तावों की अनुपस्थिति इसे और भी खास बनाती है. चेट्टी एक वित्तीय दिग्गज के साथ एक वकील भी थे. इसमें 15 अगस्त, 1947 से 31 मार्च, 1948 तक की अवधि शामिल थी. पहला बजट पेश करने के बाद शनमुखम चेट्टी को जनक की उपाधि मिली थी

 थीं पहले केंद्रीय बजट की घोषणाएं

नवंबर 1947 में भारत का पहला केंद्रीय बजट शनमुखम चेट्टी ने पेश किया था. ये बजट में बिना किसी टैक्स प्रपोजल के था. बजट का कुल राजस्व लगभग 171.15 करोड़ रुपये था. उस समय राजकोषीय घाटा लगभग 26.24 करोड़ रुपये था. वर्ष के लिए कुल खर्च का अनुमान 197.29 करोड़ रुपये था. एक रिपोर्ट के अनुसार चेट्टी के द्वारा पेश किए गए बजट स्टेटमेंट में 15 अगस्त. 1947 से 31 मार्च, 1948 तक साढ़े सात महीने की अवधि को कवर किया था.

कौन थे शनमुखम चेट्टी

शनमुखम चेट्टी के पिता कोयंबूटर मिल मालिक और व्यापारी थे. उन्हें प्रसिद्ध मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से डिग्री प्राप्त थी. उनके पिता चाहते थे कि वह सिविल सेवा में जाएं. बाद में वह कोयंबटूर नगर पालिका में पार्षद और उपाध्यक्ष बनें. साल 1920 और 1921 के बीच वह मद्रास विधास सभा के सदस्य थे.

1947 में आजादी के बाद चेट्टी भारत में वित्त मंत्री बने. उन्होंने 1947 से 1949 तक भारत के वित्त मंत्री के तौर पर सेवाएं दी थीं. वित्त मंत्री के पदभार को संभालने से पहले चेट्टी 1933 से 1935 तक देश में केंद्रीय विधान सभा के अध्यक्ष थे. 5 मई, 1953 को चेट्टी की दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई.

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