स्थानीय निकायों के कर्मचारी ग्रेच्यूटी भुगतान अधिनियम के तहत ग्रेच्यूटी पाने के हक़दार : सुप्रीम कोर्ट [निर्णय पढ़े]

Apr 05, 2019

स्थानीय निकायों के कर्मचारी ग्रेच्यूटी भुगतान अधिनियम के तहत ग्रेच्यूटी पाने के हक़दार : सुप्रीम कोर्ट [निर्णय पढ़े]

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नगरपालिकाओं जैसे स्थानीय निकायों के कर्मचारियों को ग्रेच्यूटी भुगतान अधिनियम, 1972 के तहत ग्रेच्यूटी पाने का हक़ है। न्यायमूर्ति एमएम शांतनागौदर और हेमंत गुप्ता की पीठ ने कानपुर और गोरखपुर नगरपालिकाओं की अपीलों को उचित बताया है। हाईकोर्ट ने नगरपालिकाओं की इस दलील को ठुकरा दिया था कि उनकी कर्मचारियों को Retirement Benefits and General Provident Fund Regulations, 1962 के संदर्भ में उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1959 की धारा 548 के तहत ग्रेच्यूटी पाने का हक़ है। पीठ ने अपील पर ग़ौर करते हुए एक अधिसूचना पर भी ग़ौर किया जो केंद्र सरकार ने 08.01.1982 को जारी किया था जिसमें कहा गया है कि ऐसी स्थानीय निकाय जिसमें पिछले 12 महीनों के दौरान किसी भी दिन दस या इससे अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, या कार्यरत थे, तो उस पर यह अधिनियम लागू होगा।

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पीठ ने कहा कि इस अधिनियम की धारा 3(c) के तहत यह अधिनियम इस तरह के निकायों और इन निकायों के वर्ग पर लागू होगा जिसमें पिछले 12 महीनों के दौरान दस या दस से अधिक लोग कार्यरत हैं या थे जैसा कि केंद्रीय अधिसूचना में कहा गया है। पीठ ने कहा, "इस तरह की अधिसूचना इस बात को स्पष्ट करती है कि यह अधिनियम स्थानीय निकायों जैसे नगरपालिकाओं पर लागू होता है। इस अधिनियम की धारा 14 इस तरह के किसी अन्य मौजूदा प्रावधानों या क़ानूनों के ऊपर है"। कोर्ट ने कहा, "अपीलकर्ताओं की दलील यह है कि केंद्र का अधिनियम जिसके भुगतान की बात करता है, राज्य अधिनियम उस पर प्रतिबंध लगाता है। अधिनियम की धारा 14 को देखते हुए यह दलील क़ायम नहीं रह सकता और कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का उदारतापूर्वक भुगतान कर्मचारियों के हित में है। इस तरह, इस अधिनियम के तहत ग्रेच्युटी का भुगतान होगा।"

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