Energy Crisis : इस वर्ष गर्मी के कारण बढ़ सकता ऊर्जा का संकट

Feb 27, 2023

देश में सर्दी के बाद गर्मी ने दस्तक दे दी है। फरवरी के महीने में ही कई राज्यों में तापमान सामान्य से ज्यादा दर्ज किया जा रहा है। सुबह के समय से ही मौसम शुष्क हो रहा है। भारत के कई राज्यों में लोग गर्मी से अभी ही परेशान होने लगे हैं। आलम ये है कि फरवरी के महीने में ही घरों में पंखे चलने शुरू हो गए हैं।

आपको बता दें कि मौसम का ये बदलाव मार्च के महीने में देखने को मिलता है लेकिन इस साल फरवरी में ही गर्मी लोगों को सताने लगी है। जिससे बिजली की मांग बढ़ने की संभावना है।

राज्यों में बढ़ने लगा पारा

देश में फरवरी के महीने में ही कई राज्यों में तापमान में बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। कई राज्यों में तापमान 30 से 35 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा रहा है। जिसके कारण अभी से ही गर्मी का एहसास होने लगा है। खबरों के अनुसार अभी से तापमान में बढ़ रहा है।

ऐसी सभावना जताई जा रही है कि मार्च और जून के महीने में बिजली की आपूर्ति अचानक अब के मुकाबले बढ़ सकती है। आपको बता दें कि गैस और कोयला प्लांट में सामान्य से कम उत्पादन होने के कारण व अनेक राज्यों में बिजली का संकट बना हुआ है।

मार्च-जून में बढ़ सकती है बिजली की मांग

अभी से ही कई राज्यों के घरों में पंखा चने लगा है। तापमान में अभी से ही बढ़ोत्तरी हो रही है। जनवरी 2023 में बिजली की मांग 211 गीगावाट तक पहुंच गई थी। ये मांग पिछले साल पड़ने वाली गर्मियों आई मांग के मुकाबले उच्च स्तर पर है। आपको बता दें कि इस बार पहली बार ऐसा हुआ कि ठंक खत्म भी नहीं हुई और गर्मी आ गई। गर्मी की वजह से इस बार वसंत ऋतु भी गायब है।

मौसम विभाग ने दी जानकारी

भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक देश में अचानक गर्मी बढ़ने से किसानों को नुकसान होने की आशंका है। आईएमडी के अनुसार गर्मी के कारण गेहूं और अन्य खराब हो सकती हैं। मौसम विभाग ने किसानों को फसलों को चेक करने के लिए कहा है।

राजधानी में बढ़ रही बिजली की मांग

दिल्ली लोड डिस्पैच के बिजली की बढ़ती मांग को लेकर जानकारी दी है। डिस्पैच के अनुसार दिल्ली में जनवरी महीने के एक दिन में बिजली की मांग सुबह 10.56 पर 5,247 मेगावॉट रही थी। जो पिछले साल के तुलना में ज्यादा है।

उत्तराखंड में बढ़ रही डिमांड

उत्तराखंड में बिजली की मांग बढ़ती जा रही है। देशभर में बिजली की बढ़ती डिमांड के कारण ऊर्जा निगम राष्ट्रीय बाजार से महंगी बिजली खरीदने को मजबूर हो चुका है। आपको बता दें कि पीव आवर्स में दस रुपये प्रति यूनिट बिजली के लिए 12 रुपये की दर से खरीदनी पड़ रही है। इसके बाद बी जरूरत के अनुसार बिजली नहीं मिल पा रही है।

सरकार उठा रही कदम

देश में बिजली संकट बीते साल की तरह पैदा न हो इसके लिए केंद्र सरकार तैयारी कर रही है। ऊर्जा मंत्रालय के मुताबिक बिजली दी मांग अप्रैल में 229 गीगावॉट तक पहुंचने की संभावना है। आपको बता दें कि 70 प्रतिशत बिजली की आपूर्ति कोयला से होती है। थर्मल पावर प्लांट्स में कोयले का स्टॉक 4.5 करोड़ टन से नीचे आ गया है।ऐ से में सरकार मार्च में अंत में स्टॉक को पूरा करने को कहा है। जिससे देश में बिजली के संकट को मंडराने को रोका जा सके।

दूर-दूर तक नहीं दिखाई दे रही वसंत ऋतु

देश में मौसम में बदलाव के कारण उसका असर वसंत ऋतु पर पड़ रहा है। फरवरी में ही हीव वेव की शुरुआत हो गई है। प्राकृतिक के नियम है कि हर साल सर्दियों के खत्म होने के बाद फरवरी और मार्च में वसंत ऋतु का समय होता है। लेकिन उस बार वसंत ऋतु दूर-दूर तक नहीं दिखाई दे रही है।

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