महंगे इलाज और सस्ती गुणवत्ता वाले निजी अस्पतालों के बारे में सच्चाई

Jan 31, 2021
Source: jagran.com

राजीव कुमार, नई दिल्ली: सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) कृष्णमूर्ति का भी मानना ​​है कि स्वास्थ्य क्षेत्र को निजी क्षेत्र में नहीं छोड़ा जा सकता है। भारत में निजी अस्पतालों में इलाज की गुणवत्ता सरकारी अस्पतालों से बेहतर नहीं है, लेकिन वहां इलाज काफी महंगा है। सीईए का कहना है कि सरकार को स्वास्थ्य क्षेत्र में आगे आने और स्वास्थ्य सेवा के लिए एक नियामक बनाने की जरूरत है। इससे निजी क्षेत्र के अस्पतालों को नियमों के तहत नियंत्रित किया जा सकेगा।

सुब्रमण्यन ने कहा कि ऐसा नहीं है कि आप अधिक कीमत पर इलाज करवाते हैं तो आपको बेहतर इलाज मिलेगा। शुक्रवार को संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 के अनुसार, देश के निजी अस्पताल समान बीमारी के इलाज के लिए सरकार से कई गुना अधिक शुल्क लेते हैं। उच्च लागत के बावजूद, निजी अस्पतालों में उपचार की गुणवत्ता सरकार की तुलना में बेहतर नहीं पाई गई है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि इलाज के बारे में सही जानकारी न होने के कारण लोग सही निर्णय नहीं ले पा रहे हैं। निजी अस्पताल इसका फायदा उठाते हैं।

सर्वेक्षण में कहा गया है कि स्वास्थ्य क्षेत्र में अनियंत्रित तरीके से काम करने वाली निजी कंपनियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, शहरी क्षेत्रों के अस्पतालों में भर्ती होने वाले 65 प्रतिशत मरीज निजी अस्पतालों में भर्ती होते हैं। ओपीडी में भी 75 फीसदी मरीज निजी अस्पतालों में जाते हैं।

 

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