ICMR ने कहा- HCQ से बड़े साइड इफेक्ट्स नहीं, यूं करें इस्तेमाल

Jun 08, 2021
Source: https://www.amarujala.com/

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (Indian Council of Medical Research - ICMR) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा है कि निगरानी और नियंत्रित तरीके से की गई... 

दुनियाभर में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच वैज्ञानिक वैक्सीन के बाद अब कोविड-19 की दवा की खोज में लगे हुए हैं। इस दिशा में वैज्ञानिकों को एक बड़ी कामयाबी मिलती दिख ही रही थी कि इसमें भी एक अड़चन आ गई है। पिछले दिनों फ्रंट लाइन कोविड-19 क्रिटिकल केयर अलायंस (एफएलसीसीसी) के नेतृत्व में एक अध्ययन की समीक्षा के दौरान वैज्ञानिकों ने 'आइवरमेक्टिन' नामक दवा को कोविड-19 संक्रमण के खिलाफ बेहद प्रभावी बताया था। इतना ही नहीं इसी आधार पर गोवा सरकार ने सोमवार को राज्य में दवा के इस्तेमाल को मंजूरी भी दे दी थी।

हालांकि अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस दवा के इस्तेमाल को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। आइए जानते हैं वैज्ञानिक जिस दवा को इतना असरदार मान रहे थे, उसे लेकर डब्ल्यूएचओ का ऐसा रुख क्यों है?

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने किया आगाह
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंगलवार को 'आइवरमेक्टिन' के सामान्य उपयोग को लेकर अलर्ट जारी किया है। डब्ल्यूएचओ की प्रमुख वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने एक ट्वीट के माध्यम से कहा है कि किसी भी नई बीमारी के लिए दवा का उपयोग करते समय सुरक्षा और प्रभावकारिता को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण होता है। क्लिनिकल ट्रायल के अलावा आइवरमेक्टीन को फिलहाल सामान्य रूप के कोविड के मरीजों के लिए प्रयोग में लाना सही नहीं है। 

गौरतलब है कि कोविड-19 में आइवरमेक्टिन के इस्तेमाल को लेकर पिछले दो महीनों में डब्ल्यूएचओ की यह दूसरी चेतावनी है। इससे पहले मार्च में स्वास्थ्य संगठन ने एक बयान में कहा था कि इस बात के पुख्ता सुबूत नहीं हैं जिसके आधार पर कहा जा सके कि आइवरमेक्टिन का इस्तेमाल कोविड संक्रमितों के अस्पताल में भर्ती होने या उनमें मौत के खतरे को कम कर सकता है। 

दवा निर्माता कंपनी ने भी किया सचेत
डब्ल्यूएचओ की तरह की आइवरमेक्टिन की निर्माता कंपनी मर्क ने भी कोविड-19 में इसके इस्तेमाल को लेकर चेताया है। कंपनी की तरफ से एक बयान में कहा गया है कि कोविड-19 में आइवरमेक्टीन के प्रभाव को लेकर हमारे वैज्ञानिक हर स्तर पर इसके तथ्यों और संबंधित अध्ययनों की जांच कर रहे हैं। हमें अब तक कोविड-19 के रोगियों में इस दवा के इस्तेमाल की प्रभावकारिता को लेकर कोई सार्थक सबूत नहीं मिले हैं। कोविड-19 में इस दवा के प्रभाव को लेकर अब तक जो भी अध्ययन हुए हैं उनमें सुरक्षात्मक कमी नजर आ रही है, इसलिए फिलहाल इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए।

गोवा सरकार ने दवा के इस्तेमाल को दे दी थी मंजूरी
इससे पहले सोमवार को गोवा सरकार ने राज्य में आइवरमेक्टीन के इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। इसी के बाद डब्ल्यूएचओ की प्रमुख वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने मंगलवार को चेतावनी जारी की है। सोमवार को गोवा सरकार ने नया 'कोविड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल' जारी करते हुए कहा था कि, कोविड के 18 साल से ऊपर के रोगियों को इलाज के लिए आइवरमेक्टीन दी जा सकती है। स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने कहा था कि कई देशों में इस दवा के इस्तेमाल से रोगियों के ठीक होने की रफ्तार में तेजी देखने को मिली है, ऐसे में राज्य में भी इस दवा को प्रयोग में लाया जा सकता है।

कई अध्ययनों में दवा को पाया गया था असरदार
फ्रंट लाइन कोविड-19 क्रिटिकल केयर अलायंस (एफएलसीसीसी) के नेतृत्व में एक अध्ययन की समीक्षा के दौरान वैज्ञानिकों ने बताया था कि दुनियाभर में फैली कोरोना महामारी को रोकने में आइवरमेक्टीन दवा बेहद प्रभावी हो सकती है। वैज्ञानिकों ने इस दवा को कोविड-19 के उपचार में बेहद कारगर मानते हुए दुनियाभर में इसके तत्काल प्रभाव से इस्तेमाल किए जाने पर जोर दिया था। एफएलसीसीसी के अध्यक्ष और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ पियरे कोरी ने बताया, हमने इवरमेक्टिन दवा के उपलब्ध आंकड़ों की व्यापक समीक्षा की है। कई स्तरों पर की गई समीक्षा और डाटा के अध्ययन के आधार पर हम कह सकते हैं कि आइवरमेक्टीन दवा का इस्तेमाल कोरोना वायरस की इस गंभीर महामारी को खत्म करने में सहायक साबित हो सकता है।

कई अन्य संक्रमणों में कारगर है दवा
विशेषज्ञों ने इस दवा को एचआईवी, डेंगू, जीका, और इन्फ्लुएंजा जैसे वायरस की एक विस्तृत श्रृंखला के खिलाफ काफी प्रभावी पाया है। आइवरमेक्टीन एक एंटी-पैरासिटिक दवा है जिसे भारत में फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने कई तरह के संक्रमणों में इस्तेमाल करने की पहले ही मंजूरी दी है।

अस्वीकरण नोट:  यह लेख डब्ल्यूएचओ की प्रमुख वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन के ट्वीट और दवा निर्माता कंपनी के बयान के आधार पर तैयार किया गया है। लेख में शामिल सूचना व तथ्य आपकी जागरूकता और जानकारी बढ़ाने के लिए साझा किए गए हैं। अमर उजाला राउटर्स के इस अध्ययन और दवा को लेकर कोई दावा नहीं करता है।  बिना डॉक्टरी सलाह के दवा के इस्तेमाल नुकसानदायक हो सकता है।

 

 

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