गरीब सवर्णों को आरक्षण के लिए आठ लाख ही रहेगी आयसीमा, EWS आरक्षण के मानकों में फिलहाल बदलाव के मूड में नहीं सरकार

Dec 30, 2021
Source: https://www.jagran.com

ईडब्ल्यूएस को दिए गए 10 प्रतिशत आरक्षण के लिए तय मानकों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सवालों से सरकार वैसे तो भारी उलझन में है लेकिन वह अभी इसके लिए तय मानकों में किसी भी तरह के बदलाव के पक्ष में नहीं है।

अरविंद पांडेय, नई दिल्ली। सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़ों (ईडब्ल्यूएस) को दिए गए 10 प्रतिशत आरक्षण के लिए तय मानकों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सवालों से सरकार वैसे तो भारी उलझन में है लेकिन वह अभी इसके लिए तय मानकों में किसी भी तरह के बदलाव के पक्ष में नहीं है। यानी मौजूदा समय में ईडब्ल्यूएस आरक्षण के लिए आठ लाख रुपये सालाना आय सहित जो मानक तय हैं, फिलहाल वही बरकरार रहेंगे। यह बात अलग है कि सरकार भविष्य में इसके मानक तैयार करने के लिए एक स्पष्ट गाइडलाइन तैयार करेगी ताकि भविष्य में इसे लेकर किसी भी तरह का सवाल खड़ा न हो सके।

खुलकर कहने से बच रही सरकार

फिलहाल ईडब्ल्यूएस आरक्षण के मानकों को लेकर पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने से सरकार अभी इस मामले पर कुछ भी खुलकर कहने से बच रही है, लेकिन जो संकेत दिए गए हैं उससे साफ है कि मौजूदा मानकों के आधार पर जिन्हें दाखिला दिया जा चुका है या जिनकी मेरिट तैयार हो गई है, उनमें अब बदलाव किसी भी तरह से संभव नहीं होगा। बदलाव से दाखिले की पूरी प्रक्रिया प्रभावित होगी।

तीन सदस्यीय कमेटी से जल्द रिपोर्ट देने को कहा

इस बीच, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने केंद्र सरकार के पूर्व वित्त सचिव अजय भूषण पांडेय की अगुआई में इस मुद्दे पर गठित तीन सदस्यीय कमेटी से भी जल्द रिपोर्ट देने को कहा है। सूत्रों के मुताबिक, कमेटी की मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ शुक्रवार को एक अहम बैठक रखी गई है। इसमें सुप्रीम कोर्ट को इस मसले पर दी जाने वाली रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जाएगा।

लाभार्थियों का पूरा ब्योरा शामिल

वैसे भी कमेटी से जिन बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी गई है, उनमें ईडब्ल्यूएस को दिए गए 10 प्रतिशत आरक्षण के लाभार्थियों का पूरा ब्योरा शामिल है। इनमें करीब 90 प्रतिशत ऐसे लाभार्थी पाए गए हैं, जिनकी सालाना आय पांच लाख रुपये से कम है। सरकार की ओर से ईडब्ल्यूएस मानकों को लेकर गठित कमेटी में दो सदस्य हैं, इनमें भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएसएसआर) के सदस्य सचिव प्रोफेसर वीके मल्होत्रा और भारत सरकार के प्रमुख आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट उठा चुका है सवाल

मालूम हो कि यह विवाद ऐसे समय खड़ा हुआ है जब सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल के पोस्ट ग्रेजुएशन (पीजी) कोर्स में दाखिले से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से ईडब्ल्यूएस आरक्षण के निर्धारण के लिए तय मानकों पर सवाल खड़े किए और पूछा कि इन मानकों का आधार क्या है। इसके बाद सरकार ने कोर्ट से चार हफ्ते का समय मांगा था और इसे लेकर तीन सदस्यीय कमेटी भी गठित की थी।

 

ईडब्ल्यूएस के लिए तय मानक

ईडब्ल्यूएस को 10 प्रतिशत आरक्षण देते समय सरकार ने जो मानक तय किए गए हैं, उनके तहत ऐसे लोग इसके पात्र होंगे-

  • जिनकी सालाना आय आठ लाख रुपए या इससे कम हो।
  • जिसके पास पांच एकड़ या इससे कम कृषि योग्य भूमि हो।
  • जिसके पास एक हजार वर्ग फीट या उससे कम का फ्लैट हो।
  • ऐसे व्यक्ति जिनके पास अधिसूचित नगरीय क्षेत्र में 100 वर्ग गज या उससे कम का प्लाट हो या फिर जिनके पास किसी भी गैर-अधिसूचित नगरीय क्षेत्र में कम से 200 वर्ग गज का प्लाट हो।
  • सरकार ने कमेटी से जिन तीन अहम बिंदुओं पर रिपोर्ट देने को कहा था उनमें पहला ईडब्ल्यूएस के तय मानकों की फिर से समीक्षा करना, ईडब्ल्यूएस की पहचान के लिए दूसरे मानकों को शामिल करना और भविष्य में इसके लिए एक स्पष्ट गाइडलाइन तैयार करना शामिल है। सूत्रों की मानें तो अभी इस गाइडलाइन को व्यापक रूप देने और ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभ के दायरे में लाने के लिए मानक तय किए गए हैं। 

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