रिवाइवल ऐंड फैसिलिटेशन सेल दूर करेगी उद्योगो की दिक्क़त

Apr 18, 2020

रिवाइवल ऐंड फैसिलिटेशन सेल दूर करेगी उद्योगो की दिक्क़त

लॉक डाउन खुलने के बाद औद्योगिक इकाइयो और निर्यातकों की समस्याओं को हल करने के लिए रिवाइवल ऐंड फैसिलिटेशन सेल बनाई गई है | यह सेल यूनिटो के चलाने संबंधी जरूरी मंजूरी देगी| साथ ही जीएसटी रिफंड का भी निराकरण  करेगी | प्रमुख सचिव एमएसएमई डॉ. नवनीत सहगल ने बताया कि यह सेल आयुक्त एवं निदेशक की अध्यक्षता में बनाई गई है | इस सेल में दी संयुक्त आयुक्त उद्योग और सहायक आयुक्त उद्योग स्तर के अधिकारी भी नामित किये गए है | प्रमुख़ सचिव ने बताया कि कोविड -19 महामारी के कारण प्रदेश में लॉक डाउन घोषित किया गया है | जिसके कारण सभी औद्योगिक इकाईयों की गतविधियां प्रभावित है | इसकी वजह से यूनिटो के दोबारा खुलने पर कई तरह की दिक्क़ते  आएगी | राज्य सरकार ऐसी किसी भी दिक्क़त का निराकरण करना चाहती है | ताकि इंडस्ट्री को कोई समस्या न हो और सुचारू रूप से काम हो सके |

बड़े उद्योग और आईटी इंडस्ट्री के लिए बानी डेस्क

लॉकडाउन के बाद प्रदेश में बड़े उद्योंगो और आईटी आधारित सेवाओं के संचालन के लिए औधोगिक विकास विभाग और आईटी एंड इलेट्रॉनिक्स विभाग ने भी दो हेल्प डेस्क बनाई है|प्रमुख़ सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास और आईटी एंड  इलेट्रॉनिक्स आलो कुमार ने बताया कि ये दोनों डेस्क उद्योगों की समस्याओं का निस्तारण करेंगी | उद्योगपति अपनी समस्याओं को ईमेल के माध्यम से ईमेल आईटी industryhelpdesk@udyogbandhu.com पर भेज सकेंगे|

तो 40-50% लघु उद्योगों पर पड़ेगा व्यापक असर

कोरोना संकट पर फिक्की ने लघु उद्योग के भविष्य पर चर्चा की केंद्र और राज्य के दिशा निर्देशको के अनुसार करना होगा उद्योगों को काम सेल में दो संयुक्त आयुक्त उद्योग और सहायक आयुक्त उद्योग स्तर के अधिकारी भी नामित हो, इसके लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है। इंडस्ट्री खुलने पर यूनिटों को कैशफ्लो की समस्या होगी। इसको लेकर राज्य सरकार ने केंद्र को भी पत्र लिखा है। इस दौरान प्रमुख सचिव ने कहा कि इंडस्ट्री खुलने के बाद सोशल डिस्टेंसिंग, केंद्र और राज्य द्वारा जारी गाइडलाइन्स के मुताबिक काम करना होगा, जिससे कर्मचारियों को किसी भी तरह की कोई दिक्कत न हो। चर्चा के दौरान एमएसएमई इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों की तरफ से बिजली के बिल में रियायत देने की मांग भी उठाई गई। इस दौरान सीएमडी एमकेयू मनोज गुप्ता, लघु उद्योग भारती के जनक भाटिया, इंडियन इंडस्ट्रीज असोसिएशन के पंकज कुमार और नाइन सेनेटरी नैपकीन के को चेयरमैन अमर तुलसीयान ने भी सरकार के सामने इंडस्ट्री को रिवाइव करने को लेकर अपने सुझाव दिए। कोरोना वायरस के बाद अर्थव्यवस्था में जो सुस्ती आई है, उसका सीधा असर लघु और मध्यम उद्योगों पर पड़ेगा। फिक्की, यूपी के चेरयमैन शरद जयपुरिया के मुताबिक मौजूदा परिस्थितियों के चलते अर्थव्यवस्था में जो गिरावट आई है, उससे 40 से 50 प्रतिशत लघु और मध्यम इंडस्ट्री(एमएसएमई) बंद हो सकती हैं। कोविड-19 के बाद एमएसएमई की स्थिति और उसकी मदद पर फिक्की की तरफ से शुक्रवार को वेबनायर के जरिए एमएसएमई इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों ने प्रमुख सचिव, एमएसएमई नवनीत सहगल के साथ चर्चा की और इंडस्ट्री की मांगों को रखा।

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