संविदा कर्मियों का पीएफ डकारने वाली कंपनियों पर होगा केस
संविदा कर्मियों का पीएफ डकारने वाली कंपनियों पर होगा केस
कानपुर : पीएफ की राह देख रहे हजारों संविदा कर्मचारियों की उम्मीदें फिर जगी हैं। पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए पांचों डिस्कॉम में लापरवाही बरतने वाली आउटसोर्सिग कंपनियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।
उप्र पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड में वर्ष 2000 के बाद से आउटसोर्सिग कंपनियां संविदा कर्मचारियों की तैनाती कर रही है। केस्को के अलावा दक्षिणांचल, मध्यांचल, पश्चिमांचल और पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में हजारों ऐसे कर्मचारी हैं, जिनका पीएफ अंशदान कंपनियों की ओर से ईपीएफओ में जमा नहीं किया गया है।
प्रदेश के सभी बिजली कार्यालयों को जोड़ दें तो यह रकम 100 करोड़ रुपये के आसपास बनती है। अकेले केस्को में वर्ष 2000 से लेकर 2014 तक 500 से अधिक कर्मचारियों का करीब 13 करोड़ रुपये रुपये आउटसोर्सिग कंपनियां डकार गई हैं। कानपुर में संविदा कर्मचारी संघ के महामंत्री दिनेश सिंह भोले के प्रयासों से ईपीएफओ केस्को के खिलाफ 7ए के के तहत सुनवाई कर रहा है। जल्द ही इसका फैसला भी आने वाला है।
इस प्रकरण में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से पावर कॉरपोरेशन में शिकायत दर्ज कराई गई थी। इसका संज्ञान लेते हुए कॉरपोरेशन के महाप्रबंधक आलोक कुमार श्रीवास्तव ने सभी डिस्कॉम के प्रबंध निदेशकों को पत्र लिखकर ऐसी कंपनियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराकर कानूनी कार्रवाई शुरू करने को कहा है, जिन्होंने कर्मचारियों का पीएफ अंशदान जमा नहीं कराया है।
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