पहली बार किसी राष्ट्रपति ने बेटी को बनाया फ़र्स्ट लेडी; जानिए कौन हैं आसिफा
Asifa Zardari Bhutto: पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ़ अली ज़रदारी ने अपनी बेटी को देश की प्रथम महिला बनाने का ऐलान किया है.
Asifa Zardari Bhutto: पाकिस्तान को हाल ही में अपना 14वां राष्ट्रपति मिला है. आसिफ़ अली ज़रदारी दूसरी बार इस पद तक पहुँचने वाले देश के पहले व्यक्ति हैं. आसिफ़ अली ज़रदारी ने शनिवार को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में अपने विपक्षी उम्मीदवार महमूद अचकजई को भारी मतों से शिकस्त दी है. ज़रदारी को चुनाव में 411 जबकि महमूद खान को महज 181 वोट ही मिले थे. रविवार को शपथ लेने के बाद आसिफ़ ज़रदारी ने एक ऐसा ऐलान कर दिया जिससे तारीख़ रक़म हो गई.
दरअसल आसिफ़ ज़रदारी ने अपनी बेटी आसिफ़ भुट्टो ज़रदारी को ख़ातून-ए-अव्वल यानी फ़र्स्ट लेडी का दर्जा देने का ऐलान किया है. आम तौर पर यह उपाधि राष्ट्रपति की पत्नी को दी जाती है लेकिन यह पहली बार है जब किसी राष्ट्रपति ने अपनी बेटी को प्रथम महिला का दर्जा दिया है.
3 फरवरी 1993 को पैदा होने वाली आसिफ़ा भुट्टो ज़रदारी पाकिस्तान की सबसे बड़ी सियासी पार्टी पीपुल्स पार्टी (PPP) के राजनीतिक परिवार का हिस्सा हैं, वह पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की सबसे छोटी बेटी हैं. आसिफ़ा से बड़े उनके दो भाई हैं जिनका नाम बिलावल भुट्टो ज़रदारी और बख्तावर भुट्टो ज़रदारी है.
पिता के नज़दीक रही आसिफा जरदारी:
आसिफा को लेकर कहा जाता है कि वह अपने पिता के सबसे करीब रहीं, जेल के दिनों में और अदालत में पेशी के दौरान वह हमेशा आसिफ अली जरदारी की गोद में नजर आती थीं. रविवार को राष्ट्रपति भवन में हुए शपथ ग्रहण समारोह में भी अपने पिता के साथ उनकी बांह में बांह डालकर चल रही थीं.
आसिफा भुट्टो ज़रदारी की पढ़ाई:
आसिफा ने ऑक्सफोर्ड ब्रूक्स यूनिवर्सिटी से राजनीति विज्ञान और समाजशास्त्र में ग्रेजुएट किया है. जुलाई 2016 में आसिफ़ा ने यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन से ग्लोबल हेल्थ एंड डेवलपमेंट में मास्टर डिग्री हासिल की थी. इस संबंध में लंदन कॉलेज में आयोजित समारोह में उनके पिता आसिफ अली जरदारी, उनके भाई और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी और उनकी बड़ी बहन बख्तावर भुट्टो जरदारी ने हिस्सा लिया.
पोलियो की दवाई पीने वाली पहली लड़की
आसिफा भुट्टो मंच पर पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करती हैं, चाहे वह अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार फॉर्म हो या अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम, वह हमेशा पाकिस्तान और लोगों खासकर आने वाली पीढ़ी के बारे में फ़िक्रमंद रहती हैं. जब देश में पोलियो बीमारी की खतरे की घंटी बजी, तो इसके खिलाफ पूर्व पीएम बेनजीर भुट्टो ने सबसे पहले आसिफा भुट्टो जरदारी को पोलियो वैक्सीन की बूंदें पिलाईं और जब यह लड़की अपनी मां का आंचल छोड़कर जवानी में प्रवेश कर गई तो संयुक्त राष्ट्र पोलियो के ख़िलाफ़ पाकिस्तान के राजदूत के तौर पर आसिफा भुट्टो को ही नियुक्त किया गया.