मुश्किल वक्त में तुर्की के साथ खड़ा भारत, राहत सामग्री लेकर तुर्की पहुंची NDRF की टीम
तुर्की और सीरीया फिलहाल भूकंप की मार झेल रहे है सोमवार को आए तीन विनाशकारी भूकंपों के कुछ घंटों बाद मंगलवार को भी मध्य तुर्की क्षेत्र में 5.6 तीव्रता का भूकंप आया। अब तक भूकंप से मरने वालों की संख्या 4300 हो गई है जबकि 5 हजार से ज्यादा बील्डिंगे मलबे में तब्दील हो चुकी है।
वहीं सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुर्की में भूकंप से हुई भारी तबाही के बाद हर संभव मदद का आश्वासन दिया था जिसके बाद आज भारत से भूकंप राहत सामग्री का पहला जत्था गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस से तुर्की के अदाना पहुंच गया है।
इसकी जानकारी देते हुए एनडीआरएफ डीजी अतुल करवाल ने बताया कि, "NDRF की पहली टीम 51 लोगों के साथ तुर्की के लिए रवाना हुई है। इसमें 5 महिला कर्मी शामिल हैं, हमने गाड़ियां भी भेजी हैं। दूसरी टीम में भी 50 लोग हैं। NDRF का एक डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ भेजे गए हैं।"
जानकारी के मुताबिक, तुर्की के भूकंप प्रभावित इलाके में तलाशी और बचाव अभियान के लिए भारत से 100 सदस्यों की दो एनडीआरएफ टीम प्रशिक्षित श्वानों और आवश्यक उपकरणों के साथ भेजी जाएगी। जिनमे से एक टीम तुर्की पहुंच चुकी है आवश्यक दवाओं के साथ प्रशिक्षित चिकित्सकों और पैरा मेडिक की टीम को भी भेजा गया है।
भारत सहित कई देश आपूर्ति और राहत दल भेज रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि मरने वालों की संख्या 20,000 पार कर सकती है। घायलों के संख्या बढ़कर लगभग 15,000 पार कर चुकी है। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने सात दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है, जिसके दौरान पूरे देश में और विदेशों में अपने राजनयिक मिशनों में तुर्की के झंडे आधे झुके रहेंगे। बता दें, तुर्की में सोमवार सुबह 04:17 बजे भूकंप आया था। इसकी गहराई जमीन से 17.9 किलोमीटर अंदर थी और भूकंप का केंद्र गाजियांटेप के पास था जो सीरिया बॉर्डर से 90 किलोमीटर दूर स्थित है।