Israel Hamas War: भारत का फिलिस्तीनियों को समर्थन? रुचिरा कंबोज ने कहा, 'हम नागरिकों की मौत की कड़ी निंदा करते हैं'

Nov 29, 2023

Israel Hamas War: यूएन की स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने भारत और फिलिस्तीनियों के साथ लंबे समय से चले आ रहे संबंधों का जिक्र किया. जिसमें उन्होंने कहा कि नागरिकों की जान का नुकसान स्वीकार नहीं किया जा सकता है.

Israel Hamas War: भारत ने कभी भी इजराइल-हमास जंग को लेकर खुले तौर पर अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी है. हाल ही में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में जंग को लेकर भारत की प्रतिक्रिया सामने आई है. यूएन की स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने भारत और फिलिस्तीनियों के रिश्ते को लेकर बात की. साथ ही उन्होंने इजराइल-हमास के बीच जंग में जो लोग मारे जा रहे हैं उनकी मौत की कड़ी निंदा की है. 

'खतरनाक मानवीय संकट'

7 अक्टूबर को शुरू हुई इजराइल-हमास की जंग आज भी जारी है. इसमें सिर्फ गाज़ा में 15000 लोगों की मौत हो गई है. इसी बीच यूएन की स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज का बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने भारत और फिलिस्तीन के बीच संबंधों के बारे में  संयुक्त राष्ट्र में अपनी बात रखते हुए कहा कि 'आज हम यहां ऐसे समय पर इकट्ठा हुए हैं जब इजराइल-हमास की जंग के वजह से मध्य-पूर्व की सिक्योरिटी लगातार बद से बदतर हो रही है. इलाके में बहुत से लोगों की जान जा रही है. जिसमें महिलाएं और बच्चों की जान का नुकसान सबसे ज्यादा हो रहा है. ये एक खतरनाक मानवीय संकट है. इसके साथ ही उन्होंने नागरिकों की मौत की कड़ी निंदा भी की. 

भारत ने भेजी मदद 

भारतीय प्रतिनिधि ने तनाव कम करने और फ़िलिस्तीनी लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों का स्वागत किया. कंबोज ने मानवीय ठहराव की एक सकारात्मक कदम के रूप में प्रशंसा की. भारतीय दूत ने कहा, 'हमने अपनी ओर से 70 टन मानवीय सामान भेजा है, जिसमें 16.5 टन दवाएं और चिकित्सा आपूर्ति शामिल हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 'संघर्ष की शुरुआत के बाद से, पीएम मोदी और विदेश मंत्री जंग से जुड़ी जानकारियां लेते रहे हैं. 

आंतकवाद के खिलाफ़ भारत की जीरो टॉलरेंस की नीति

यूएन में बोलते हुए रुचिरा ने कहा कि 'नागरिकों को बंधक बनाना एक चिंता का विषय है. इसके अलावा उन्होंने भारत को लेकर इस बात पर जोर दिया कि 'भारत आतंकवाद को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाता है साथ ही अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों का पालन करने पर ज़ोर देता है.'