Operation Dost: तुर्कि से लौटी एनडीआरएफ टीम, जानिए कैसा रहा ऑपरेशन दोस्त
तुर्की और सीरिया में छह फरवरी को आए विनाशकारी भूंकप ने भारी तबाही मचाई है। तुर्की में आए भूकंप के बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन दोस्त अभियान चलाया था। तुर्की में भूकंप से पीड़ितों के लिए राहत-बचाव अभियान में जुटी राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की आखिरी टीम रविवार को भारत वापस आ गई है। समाचार एजेंसी एएनआई इसकी जानकारी दी।
तुर्की में राहत एवं बचाव अभियान में जुटी एनडीआरएफ की आखिरी टीम रविवार को ऑपरेशन दोस्त अभियान खत्म कर वापस भारत आ गई है। इससे पहले शनिवार को टर्किश डिजास्टर एंड इमरजेंसी मैनेजमेंट प्रेसीडेंसी ने देश मे राहत एवं बचाव अभियान के खत्म होने की घोषणा की थी। इसके बाद आज यानी की रविवार को एनडीआरएफ का आखिरी दल भारत वापस लौट आया है।
भारतीय सेना के ऑपरेशन दोस्त अभियान के तहत एनडीआरएफ की 151 जवानों की तीन टीमों के अलावा डॉग स्क्वायड राहत एवं खोज अभियान में हिस्सा लिया था। एनडीआरएफ की टीमों ने तुर्की के नूरदागी और अंतक्या में करीब 35 जगहों पर मलबे में दबे लोगों को निकालने का काम किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार को टर्किश डिजास्टर एंड इमरजेंसी मैनेजमेंट प्रेसीडेंसी (एएफएडी) ने कहा कि तुर्कि और सीरिया में छह फरवरी को आए विनाशकारी भूकंप के लगभग करीब दो हफ्ते बाद खोज और बचाव-बचाव अभियान खत्म हो गया है।
एएफएडी प्रमुख यूनिस सेजर ने जानकारी देते हुए कहा कि "भूकंप की वजह से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 40,642 हो गई है और ज्यादातर प्रांतों में मलबे में दबे लोगों की तलाश और बचाव का काम खत्म हो गया है। हमें विश्वास है कि कल रात तक हम खोज और बचाव अभियान खत्म कर देंगे।"
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तुर्की और सीरिया में छह फरवरी को आए 7.8 तीव्रता के भूंकप भारी तबाही मचाई है। इस विनाशकारी भूकंप में 45,000 से अधिक लोगों जाने जा चुकी है। जबकि हजारों लोग घायल हो गए है। रिपोर्ट के मुताबिक, 10 लाख से अधिक लोग बेघर हो गए है। बता दें कि तुर्की और सीरिया में सबसे पहले मदद पहुंचाने में भारत शामिल था। भारतीय सेना ने दोनों देशों में ऑपरेशन दोस्त के तहत भारी मात्रा में राहत सामग्री और अन्य उपकरण भेजे है।