पीएफ पर 8.5 फीसद ब्याज की अनुशंसा

Mar 07, 2020

पीएफ पर 8.5 फीसद ब्याज की अनुशंसा

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने चालू वित्त वर्ष (2019-20) के लिए पीएफ पर केवल 8.50 फीसद ब्याज दर की अनुशंसा की है। पिछले वित्त वर्ष में पीएफ पर 8.65 प्रतिशत ब्याज दिया गया था। अगर ईपीएफओ के इस प्रस्ताव को वित्त मंत्रलय की मंजूरी मिल जाती है, तो सात वर्षो में प्रोविडेंट फंड (पीएफ) जमा पर यह सबसे कम दर होगी। वैसे तो इस बात की बहुत कम संभावना है कि वित्त मंत्रलय इसमें और कमी करे। हालांकि एकाध मामलों में उसने ऐसा किया भी है।

ईपीएफ पर ब्याज दर घटाने का फैसला गुरुवार को श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार की अध्यक्षता में हुई ईपीएफओ ट्रस्टी बोर्ड की बैठक में लिया गया। बैठक के बाद गंगवार ने बताया कि ट्रस्टी बोर्ड ने ईपीएफ जमा पर वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 8.5 फीसद ब्याज देने का निर्णय लिया है। इस दर से ब्याज अदा करने पर ईपीएफओ कोष में 700 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि बचेगी।आरएसएस से संबद्ध ट्रेड यूनियन भारतीय मजदूर संघ ने ब्याज दर में कमी का विरोध किया है। साथ ही ईपीएस के तहत न्यूनतम पेंशन को 1,000 से बढ़ाकर 5000 रुपये मासिक किए जाने की मांग की है। हालांकि श्रम मंत्री गंगवार ने कहा है कि पेंशन बढ़ोतरी का मसला वित्त मंत्रलय के विचाराधीन है।

श्रम मंत्रलय के सूत्रों के अनुसार यदि संगठन 8.55 फीसद ब्याज अदा करने का निर्णय लेता तो 300 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि बचती। लेकिन उससे अधिक ब्याज दर पर संगठन को घाटे का सामना करना पड़ता। इससे पहले ईपीएफओे ने 2015-16 में 8.80 फीसद, 2016-17 में 8.65 फीसद तथा 2017-18 में 8.55 फीसद की दर से ब्याज अदा किया था।

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