एमएसएमई को उबारने का फ़ार्मूला सुझाएंगे मनमोहन सिंह
एमएसएमई को उबारने का फ़ार्मूला सुझाएंगे मनमोहन सिंह
कोरोना महामारी पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अगुआई में गठित कांग्रेस का परामर्श समूह छोटे व मझोले उद्योग को राहत देने के सुझावों का एक प्रस्ताव जल्द राजग सरकार को सौंपेगा। एमएसएमई सेक्टर को उबारने के साथ ही लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों के संकट और गेहूं खरीद की चुनौती से निपटने के उपायों की रूपरेखा भी पार्टी सरकार को सौंपेगी। हालांकि, इनसे जुड़ी सिफारिशों से पूर्व कांग्रेस ने जन धन, पीएम किसान और वृद्ध-विधवा-दिव्यांग पेंशन के सभी खाताधारकों को 7,500 रुपये तत्काल कैश ट्रांसफर का सरकार को सुझाव दिया है। मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में कांग्रेस के कोरोना परामर्श समूह की हुई पहली बैठक में कैश ट्रांसफर का सुझाव देने का फैसला हुआ। समूह के सदस्य जयराम रमेश ने बैठक के बाद वीडियो प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि लॉकडाउन में संकट का सामना कर रहे जरूरतमंदों के खाते में कैश ट्रांसफर ही सबसे बेहतर विकल्प है। इसीलिए सभी जन धन खातों, ग्रामीण विकास मंत्रलय की वृद्ध, विधवा व दिव्यांग पेंशन के साथ पीएम किसान के सभी लाभार्थियों के खाते में 7,500 रुपये तुरंत ट्रांसफर होने से अगले एक महीने की उनकी मांग और जरूरत दोनों पूरी होगी। जयराम के मुताबिक बैठक में मनमोहन और राहुल गांधी दोनों का मानना था कि हमारा लघु-मध्यम उद्योग क्षेत्र रोजगार ही नहीं, अर्थव्यवस्था के लिहाज से भी बेहद महत्वपूर्ण है। केंद्र व राज्य दोनों स्तरों पर एमएसएमई क्षेत्र को वित्तीय समेत दूसरे तरह की मदद की जरूरत है। इसीलिए केंद्रीय वित्तीय संस्थाओं से विशेष मदद का दस्तावेज यह समूह तैयार कर रहा है। जयराम ने कहा कि हम अगले एक दो दिनों में अपनी सिफारिशें केंद्र सरकार को सौंप देंगे। जयराम के मुताबिक लॉकडाउन में किसानों से गेहूं की खरीदारी भी बड़ी चुनौती बन गई है। परामर्श समूह ने इसके समाधान के विकल्पों पर भी चर्चा की है और हम इस पर केंद्र को अपने सुझाव देंगे। बैठक में मनमोहन और राहुल दोनों का कहना था कि कोरोना संकट का सामना कर रहे देश की मौजूदा स्थिति में इन सुझावों को राजनीतिक लिहाज से नहीं देखा जाना चाहिए। इसीलिए कांग्रेस इन्हें मांग के तौर पर नहीं बल्कि सुझावों के रूप में सरकार को सौंपेगी। सवालों के जवाब में जयराम ने कहा कि हमारे रचनात्मक सुझावों को कांग्रेस या भाजपा के राजनीतिक नजरिये से नहीं देखा जाना चाहिए। संकट में यह देश और लोगों के हित का मसला है। जयराम के मुताबिक राहुल गांधी ने बैठक में यह बात दोहराई कि सरकार के साथ कई विषयों पर अलग राय के बावजूद हमें रचनात्मक तरीके से साथ मिलकर काम करना चाहिए। जयराम ने उम्मीद जताई कि सरकार भी इन सुझावों को सकारात्मक तरीके से लेते हुए जरूरी कदम उठाएगी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तीन दिन पहले इस 11 सदस्यीय परामर्श समूह का गठन किया था। पहली बैठक में तय हुआ कि हर दो दिन में समूह के सदस्य आपस में हालात की समीक्षा करेंगे। कांग्रेस की कोरोना परामर्श समिति की पहली बैठक में हुआ फैसला, जरूरतमंदों के खाते में कैश ट्रांसफर का सुझाव |
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