वेतन भुगतान को पीएफ से कर्ज दिलाने का सुझाव

Apr 22, 2020

वेतन भुगतान को पीएफ से कर्ज दिलाने का सुझाव

कोविड-19 लॉकडाउन के शिकार उद्योग अपने कर्मचारियों को आसानी से इस अवधि तथा अगले कुछ समय का वेतन अदा कर सकें, इसके लिए काउंसिल फॉर फुटवियर लेदर एंड एसेसरीज (सीएफएलए) ने कंपनी को कर्मचारी भविष्य निधि से ऐसा कर्ज दिलाए जाने का सुझाव दिया है, जिसकी कुछ समय बाद ब्याज समेत वापसी की जा सकेगी।

सीएफएलए के चेयरमैन तथा लिबर्टी ग्रुप के सीईओ आदेश गुप्ता ने इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय और नीति आयोग के अलावा वित्त, उद्योग व वाणिच्य तथा श्रम मंत्रलय को ज्ञापन भेजा है। ज्ञापन में गुप्ता ने सुझाव दिया है कि कोविड-19 से उत्पन्न मंदी के मद्देनजर सरकार को ईपीएफओ में पंजीकृत सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम दर्जे के उद्योगों/प्रतिष्ठानों के कर्मचारियों का वेतन भुगतान सुनिश्चित करने के लिए वित्तीय सहायता योजना होनी चाहिए। कर्मचारियों के भविष्य निधि कोष में उपलब्ध कुल रकम का 50 फीसद हिस्सा या कर्मचारी के छह महीने के वेतन में जो भी कम हो, उसे कंपनी को बतौर कर्ज उपलब्ध कराना चाहिए। कर्मचारियों को इस रकम की वापसी 31 मार्च, 2022 से पहले 10.5 फीसद ब्याज के साथ समान मासिक किस्तों अथवा समय से पहले एकमुश्त रकम के तौर पर वापस कर दी जाएगी। यह कर्ज पांच महीने तक ब्याज मुफ्त हो। जो भी कंपनी इसका फायदा उठाना चाहती है, उसे यह शर्त माननी होगी कि सितंबर 2020 तक वह किसी कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकालेगी। कर्ज वापसी में पीएफ में मासिक किस्त जमा की जाती रहेगी।

गुप्ता ने कहा कि यदि सरकार इस सुझाव को मान लेती है तो इससे हजारों सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योगों के साथ उनसे जुड़े लाखों कर्मचारियों को कोविड-19 से उत्पन्न वित्तीय संकट से उबरने में मदद बड़ी मिलेगी। इससे नियोक्ताओं और कर्मचारियों दोनों को लाभ होगा तथा कोई भी नुकसान की स्थिति में नहीं रहेगा। इससे उद्योगों के बंद होने की नौबत भी नहीं आएगी और लोगों की नौकरियां व वेतन भी सुरक्षित रहेंगे।

कोविड-19 लॉकडाउन के शिकार उद्योग अपने कर्मचारियों को आसानी से इस अवधि तथा अगले कुछ समय का वेतन अदा कर सकें, इसके लिए काउंसिल फॉर फुटवियर लेदर एंड एसेसरीज (सीएफएलए) ने कंपनी को कर्मचारी भविष्य निधि से ऐसा कर्ज दिलाए जाने का सुझाव दिया है, जिसकी कुछ समय बाद ब्याज समेत वापसी की जा सकेगी।

सीएफएलए के चेयरमैन तथा लिबर्टी ग्रुप के सीईओ आदेश गुप्ता ने इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय और नीति आयोग के अलावा वित्त, उद्योग व वाणिच्य तथा श्रम मंत्रलय को ज्ञापन भेजा है। ज्ञापन में गुप्ता ने सुझाव दिया है कि कोविड-19 से उत्पन्न मंदी के मद्देनजर सरकार को ईपीएफओ में पंजीकृत सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम दर्जे के उद्योगों/प्रतिष्ठानों के कर्मचारियों का वेतन भुगतान सुनिश्चित करने के लिए वित्तीय सहायता योजना होनी चाहिए। कर्मचारियों के भविष्य निधि कोष में उपलब्ध कुल रकम का 50 फीसद हिस्सा या कर्मचारी के छह महीने के वेतन में जो भी कम हो, उसे कंपनी को बतौर कर्ज उपलब्ध कराना चाहिए। कर्मचारियों को इस रकम की वापसी 31 मार्च, 2022 से पहले 10.5 फीसद ब्याज के साथ समान मासिक किस्तों अथवा समय से पहले एकमुश्त रकम के तौर पर वापस कर दी जाएगी। यह कर्ज पांच महीने तक ब्याज मुफ्त हो। जो भी कंपनी इसका फायदा उठाना चाहती है, उसे यह शर्त माननी होगी कि सितंबर 2020 तक वह किसी कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकालेगी। कर्ज वापसी में पीएफ में मासिक किस्त जमा की जाती रहेगी।

गुप्ता ने कहा कि यदि सरकार इस सुझाव को मान लेती है तो इससे हजारों सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योगों के साथ उनसे जुड़े लाखों कर्मचारियों को कोविड-19 से उत्पन्न वित्तीय संकट से उबरने में मदद बड़ी मिलेगी। इससे नियोक्ताओं और कर्मचारियों दोनों को लाभ होगा तथा कोई भी नुकसान की स्थिति में नहीं रहेगा। इससे उद्योगों के बंद होने की नौबत भी नहीं आएगी और लोगों की नौकरियां व वेतन भी सुरक्षित रहेंगे।

* काउंसिल फॉर फुटवियर लेदर एंड एसेसरीज ने भेजा ज्ञापन

* कार्यरत लोगों के भविष्य व नौकरी पर आया संकट टालने का प्रयास

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