ईपीएफओ के पूर्व प्रवर्तन अधिकारी को चार साल कैद
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चंडीगढ़। सेक्टर-17 कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के पूर्व प्रवर्तन अधिकारी मनमोहन गिल्होत्रा को 15 हजार रुपये की रिश्वत लेने के दोष में सीबीआई की विशेष अदालत ने सोमवार को चार साल की सजा सुनाई है। इसके साथ दोषी पर 50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। बीते वीरवार को सुनवाई के दौरान दोनों पक्ष ने अपनी अंतिम दलीलें पेश की थीं, जिसके बाद आरोपी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 13(1) (डी) के तहत दोषी ठहराया गया था।
दरअसल, मामला 18 अप्रैल 2015 का है। सीबीआई ने आरोपी को जीरकपुर-बलटाना की मुख्य सड़क से उस समय गिरफ्तार किया था, जब आरोपी रिश्वत लेने पहुंचा था। सेक्टर-7 की मेसर्ज क्लाउडबेरी टेक्नोलॉजिज प्राइवेट लिमिटेड के प्रमुख प्रशासनिक अधिकारी ने सीबीआई को शिकायत दी थी कि आरोपी मनमोहन गिल्होत्रा ने उसे कंपनी के भविष्य निधि से जुड़े दस्तावेजों के साथ बुलाया था। उसने कंपनी का निरीक्षण करने के लिए यह दस्तावेज मंगवाए थे।
शिकायतकर्ता ने दावा किया कि जब वह मनमोहन से मिला, तब उसने 15 हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी। शिकायत आते ही अधिकारियों की टीम ने उस पर नजर रखनी शुरू कर दी। जैसे ही आरोपी रिश्वत की रकम लेने पहुंचा, सीबीआई ने रंगेहाथ पकड़ लिया था। उसके आवास पर छापेमारी के दौरान भी सीबीआई ने तीन लाख रुपये बरामद किए थे, जिसके बाद सीबीआई ने आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी।