गाजियाबाद: मास्क फैक्टरी में आग लगने के मामले में बड़ा खुलासा, बंद था बड़ा गेट, कॉमन एरिया में भी रखा था माल, देखें तस्वीरें

Mar 15, 2021
Source: www.amarujala.com

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के साहिबाबाद के लिंक रोड थाना अंतर्गत साइट फोर स्थित मेडिकल उपकरण बनाने की फैक्टरी में गुरुवार रात धमाके के साथ भीषण आग लग गई। आग ने पुलिस-प्रशासन और दमकल विभाग के होश उड़ा दिए। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि फैक्टरी में प्रवेश द्वार सिर्फ एक ही था। फैक्टरी में न तो कोई आपातकालीन द्वार था और न ही आग से बचाव के पुख्ता इंतजाम। 

हादसे के समय फैक्टरी के मुख्य द्वार पर लगा था ताला
मेडिकल उपकरण बनाने वाली फैक्टरी में दो गेट था, एक बड़ा और एक छोटा। फैक्टरी में जब आग लगी तो लोग बाहर की ओर भागे, लेकिन मुख्य गेट में ताला बंद होने के कारण वे अंदर ही फंस गए। कुछ लोगों ने छोटे गेट से निकलकर जान बचाई जबकि बाकी लोग आग की चपेट में आने से झुलस गए। दमकल कर्मी पहुंचे तो उन्होंने ताला तोड़कर गेट खोला। 

दमकल विभाग की जांच में ये भी सामने आया है कि मुख्य गेट के पास सीढ़ियों समेत कॉमन एरिया में जगह-जगह कच्चा माल रखा था, जिसकी वजह से लोगों को निकलने में परेशानी हुई। शुक्रवार को आसपास के लोगों ने बताया कि हादसे के समय फैक्टरी का मुख्य बड़ा गेट बंद था, उस पर ताला लगा हुआ था। इसकी वजह से कर्मचारी बाहर नहीं निकल सके। 

इसके साथ ही कॉमन एरिया और सीढ़ियों पर भी माल रखा हुआ था। जहां से निकलने के लिए बहुत ही कम जगह थी। सभी जगह सामान रखा था और चारों तरफ आग फैल गई थी। मेन गेट भी बंद था। जिसकी वजह से कर्मचारियों को निकलने की जगह नहीं मिली और वह झुलस गए।

फैक्टरी में अवैध रूप से बनाए जा रहे थे मेडिकल उत्पाद 
साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र के भूखंड संख्या 12/71 पर जिस फैक्टरी में आग लगी, उसमें अवैध रूप से मेडिकल उत्पाद बनाए जा रहे थे। वर्ष 2006 में फैक्टरी में इलेक्ट्रिकल उत्पाद बनाने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) से स्वीकृति ली गई थी, लेकिन लॉकडाउन के दौरान मोटे मुनाफे के चक्कर में इसमें पीपीई किट और मास्क बनाए जाने लगे। जबकि इसके लिए यूपीसीडा व अन्य विभागों से अनुमति नहीं ली गई थी। दमकल विभाग के मुख्य अधिकारी सुनील कुमार भी मानते हैं कि फैक्टरी में आग से बचने के पर्याप्त साधन मौजूद नहीं थे। 

हादसे के बाद टूटी नींद
फैक्टरी में आग से 14 लोगों के झुलसने (जिसमें एक की मौत) के बाद अधिकारियों की नींद टूटी है। यूपीसीडा की अधिकारी स्मिता सिंह का कहना है कि नियमों के विरुद्ध चल रही औद्योगिक इकाइयों की अभियान चलाकर जांच की जाएगी। उन्हें सभी मानकों को पूरा करने के लिए 15 दिन से लेकर एक माह तक का समय दिया जाएगा। यदि उसके बाद भी उद्यमी व्यवस्थाओं को ठीक नहीं करते हैं तो फिर यूपीसीडा की टीम दमकल विभाग के साथ औद्योगिक इकाइयों को सील करने की कार्रवाई करेगी।

 

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