कभी भी धधक सकती है 'मौत की आग'

Mar 15, 2021
Source: www.jagran.com

अवनीश मिश्र, साहिबाबाद: जिला गाजियाबाद की हर गली, हर मोहल्ला मौत के मुहाने पर बैठा है। गर्मी की शुरुआत होते ही साहिबाबाद साइट चार औद्योगिक क्षेत्र की पीपीई किट बनाने वाली फैक्ट्री में आग लगने से जो हालात बने वह महज बानगी है। जिले की औद्योगिक इकाइयों, होटलों, अस्पतालों में एक छोटी सी चिगारी भी भड़की तो अंजाम भयावह हो सकता है। हजारों प्रतिष्ठानों में से महज कुछ सौ ही मानकों पर खरा उतरते हैं। अग्निशमन विभाग के निरीक्षण के बाद साफ हो गया है कि गाजियाबाद में कभी भी मौत की आग धधक सकती है।

औद्योगिक इकाइयों के ये हैं हालात: गाजियाबाद के 11 औद्योगिक क्षेत्रों में पांच हजार औद्योगिक इकाइयां (फैक्ट्री) हैं। इनमें 425 इकाइयां खतरनाक श्रेणी की हैं। 15 हजार कुटीर और घरेलू उद्योग हैं। इनमें से मात्र सौ इकाइयों ने अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण लिया है। वहीं, बीते दो वर्ष में अग्निशमन विभाग ने यहां पांच सौ इकाइयों का निरीक्षण किया, जिनमें 312 में आग से बचाव संबंधी इंतजाम नहीं पाए गए।

आग से बचाव के मानक नहीं हैं पूरे: अग्निशमन विभाग ने औद्योगिक इकाइयों के अलावा 94 होटलों की जांच की, उनमें से 79 में आग से बचाव के इंतजाम नहीं पाए गए। 134 अस्पतालों की जांच में 71 अस्पताल में मानकों की अनदेखी मिली। पांच सौ आवासीय भवनों के निरीक्षण में 111 भवनों में कमियां मिलीं। 58 राजकीय भवनों की जांच की, उनमें से 45 में मानक पूरे नहीं मिले। 103 कोचिग सेंटरों का निरीक्षण हुआ। कमियां मिलने पर 19 कोचिग सील किए गए।

आंकड़ा बता रहा है खतरनाक स्थित: अग्निशमन विभाग की जांच में मिलीं इन खामियों से पता चलता है कि यहां छोटी सी चिगारी कितनी बड़ी तबाही मचा सकती है। ऐसे में प्रशासन के साथ-साथ लोगों को भी जागरूक होना पड़ेगा, तभी स्थिति में सुधार हो सकता है। आग से बचाव संबंधित मानक नहीं पूरा करने वालों को नोटिस दिया गया है। लगातार जांच-पड़ताल की जा रही है।

 

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