मेरे साथ पराये कम हैं
Sep 16, 2024
मेरे साथ पराये कम हैं, अपने ज्यादा हैं
इस कारण ही यारो मुझको खतरे ज्यादा हैं
कौन द्रोपदी का रोकेगा चीर हरण बोलो
आंखें होते हुए सभा में अंधे ज्यादा हैं
फूल फलों वाली डाली ही झुक कर रहती है
बिन पानी के बादल सिर्फ गरज़ते ज्यादा हैं
खौफ बुरे लोगों को कैसा, किसका खतरा है
उनको संभल के रहना है जो अच्छे ज्यादा हैं
कुछ बच्चों का झगड़ा भी ये कितना प्यारा था
मेरे मम्मी डैडी सबसे अच्छे ज्यादा हैं
टकराने से राज किसी को लाभ नहीं होता
यहां आईने जुड़े बहुत कम, टूटे ज्यादा हैं
-राज कौशिक