पीएफ घोटाला सीबीआई ने ईओडब्ल्यू से ली केस डायरी

Mar 12, 2020

पीएफ घोटाला सीबीआई ने ईओडब्ल्यू से ली केस डायरी

बिजली कर्मियों के बहुचर्चित भविष्य निधि (पीएफ) घोटाले में सीबीआइ लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) से केस डायरी की छायाप्रति हासिल की है। सीबीआइ जांच के कदम तेजी से बढ़ा रही है। जल्द मामले में पावर कॉरपोरेशन के तत्कालीन एमडी एपी मिश्र, निदेशक (वित्त) सुधांशु द्विवेदी व यूपी स्टेट सेक्टर पावर इंप्लाइज ट्रस्ट के सचिव पीके गुप्ता व अन्य आरोपितों से पूछताछ की तैयारी है। माना जा रहा है कि सीबीआइ आरोपितों को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर सिलसिलेवार पूछताछ करेगी। फर्जी ब्रोकर फर्मो के संचालकों पर भी शिकंजा कसेगा। ध्यान रहे, पीएफ घोटाले में लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में दो नवंबर 2019 को दर्ज कराई गई एफआइआर के आधार पर सीबीआइ ने केस दर्ज कर जांच शुरू की है। शासन ने पीएफ घोटाले में दर्ज एफआइआर की विवेचना ईओडब्ल्यू को सौंपी थी। ईओडब्ल्यू ने जांच में दोषी पाए गए पावर कॉरपोरेशन के तत्कालीन एमडी एपी मिश्र, निदेशक (वित्त) सुधांशु द्विवेदी व यूपी स्टेट सेक्टर पावर इंप्लाइज ट्रस्ट के सचिव पीके गुप्ता समेत 17 आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। ईओडब्ल्यू कोर्ट में कई आरोपपत्र भी दाखिल कर चुकी है। बताया गया कि केस डायरी भी कोर्ट भेजी जा चुकी है। ईओडब्ल्यू ने सीबीआइ को केस डायरी की छायाप्रति सौंपी है। दरअसल, ईओडब्ल्यू की जांच में पीएफ की रकम का निवेश नियमों को दरकिनार कर पीएनबी हाउसिंग व निजी कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफसीएल) में किए जाने की बात सामने आई थी। पूर्व एमडी एपी मिश्र ने वर्ष 2016 में भविष्य निधि की रकम पीएनबी हाउसिंग में निवेश किए जाने की मंजूरी दी थी। 15 मार्च 2017 को निजी कंपनी डीएचएफसीएल से कोटेशन लिया गया था और अगले ही दिन 16 मार्च को डीएचएफसीएल में भविष्य निधि की रकम निवेश किए को मंजूरी दे दी गई थी। 16 मार्च, 2017 को ही तत्कालीन एमडी एपी मिश्र ने अपने पद से इस्तीफा भी दे दिया था।

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