टैक्स रिटर्न को सरल बनाने पर जोर
Source: navbharattimes.indiatimes.com
वाणिज्य प्रतिनिधि
नई दिल्ली : पिछले साल रेकॉर्ड टैक्स वसूली से उत्साहित सरकार अब टैक्स पेयर्स की सहूलियतों के मद्देनजर कई कदम उठाने की तैयारी में है। वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि इनकम टैक्स कानूनों को बेहद आसान बनाया जा रहा है और इस साल दिसंबर तक नए कानून का मसौदा तैयार हो जाएगा। नया एक्ट मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट 1961 की जगह लेगा।
माना जा रहा है कि टैक्स कैलकुलेशन के तरीके को बेहद आसान बनाने का इंतजाम नए एक्ट में किया जा रहा है। यह तरीका इतना आसान होगा कि टैक्स पेयर को चार्टर्ड अकाउंटेंट के पास जाने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। वह खुद यह काम कर सकेगा। इसमें टैक्स कैलकुलेशन के लिए एक बुनियादी फॉर्म्युला दिए जाने की बात है। इस मैथमेटिकल फॉर्म्युले के आधार पर कोई भी अपना टैक्स आसानी से कैलकुलेट कर सकता है।
सरकार की कोशिश है कि नया एक्ट काफी आसान और सुलझा हुआ हो। लिहाजा वह पहले से मौजूद एक्ट के कई कठिन पहलुओं को हटा रही है। हालांकि पुराने इनकम टैक्स एक्ट में किसी तरह की तब्दीली करने के लिए वित्त मंत्रालय को कानून मंत्रालय की राय लेनी होगी।
सरकार को लगता है कि टैक्स रिटर्न दाखिल करने की पेचीदगियों की वजह से ज्यादातर लोग रिटर्न दाखिल नहीं करते। चिदंबरम ने कहा, सर्विस क्लास और छोटे टैक्स पेयर्स के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म संख्या-1 को इस बार बेहद सरल बनाया गया है। रिटर्न भरने का दुनिया में इससे सरल फॉर्म और कोई नहीं। अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों में टैक्स रिटर्न फॉर्म 50 से लेकर 70 पन्नों के होते हैं। भारत में यह महज 2 या 3 पन्नों का है। इसे इलेक्ट्रॉनिक उपयोग को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग कंप्यूटर का इस्तेमाल कर रिटर्न भर सकें। वित्त मंत्री यहां टैक्स रिटर्न प्रिपेयरर्स (टीआरपी) के पहले बैच के कनवोकेशन में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि टैक्स रिटर्न को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। हर टैक्स पेयर को वक्त निकालकर रिटर्न दाखिल करना चाहिए। सरकार पूरी प्रक्रिया को सरल बनाने में लगी है। ऐसे में जनता को भी आगे आकर रिटर्न दाखिल करना चाहिए। आने वाले वक्त में कंपनी टैक्स और इनकम टैक्स ही रेवेन्यू का मुख्य जरिया होंगे।