मुस्लिम शासक से जुड़ा है बड़ा मंगल का इतिहास, बीमार बेटे के लिए लिया बजरंगवली का सहारा, पढ़े पूरी कहानी
आज बड़ा मंगल का दिन है, ज्येष्ठ महीने पर बड़ा मंगल देशभर में मनाया जाता है. इस बार साल 2024 में चार बार बड़ा मंगल का योग बन रहा है. जानते इसके पीछे की कहानी.
Bada Mangal 2024: आज के दिन देशभर में पहला बड़ा मंगल मनाया जा रहा है. वैशाख के बाद हिंदू नववर्ष का तीसरा महीना ज्येष्ठ मास शुरू होता है. जिसमें मंगलवार का दिन बजरंगबली को समर्पित है. लेकिन ज्येष्ठ महीने में आना वाला हर मंगलवार हनुमान जी की पूजा के लिए बताया गया है. इन्हें बुढ़वा मंगल या बड़ा मंगल के नाम से जाना जाता है. हनुमान जी और श्रीराम का बड़ा मंगल से गहरा नाता है. इस दिन को भगवान हनुमान की पूजा के लिए सबसे सर्वश्रेष्ठ क्यों माना जाता है? और आखिरी क्या है इसके पीछे की कहानी जानते हैं.
बड़ा मंगल 2024 कब है ?
हर साल बड़ा मंगलवार ज्येष्ठ महीने के हर मंगलवार को पर्व के तौर पर मनाया जाता है. इस साल चार बड़े मंगल आएंगे. बड़ा मंगल में हनुमान जी के वृद्ध स्वरूप की पूजा की जाती है. उत्तर प्रदेश के लखनऊमें बड़ा मंगल को बड़ा मंगल काफी धूमधाम से मनाया जाता है. इसकी शुरुआत भी यहीं से हुई थी. इस दिन मंदिरों में घरों में बजरंगबली को चोला चढ़ाया जाता है और सुंदरकांड का पाठ किया जाता है.
क्यों मनाया जाता है बड़ा मंगल
पौराणिक कथा के अनुसार बताया गया है कि ज्येष्ठ महीने में त्रेतायुग में भगवान राम की मुलाकात बजरंगबली से हुई थी. इसलिए हर साल ज्येष्ठ महीने पर बड़ा मंगलवार मनाया जाता. एसी मान्यता है कि इस दिन हनुमान जी पूजा करने वालों के बड़े से बड़े संकट टल जाते हैं. इस विशेष दिन पर, मंदिरों में कीर्तन आयोजित किए जाते हैं, एक धार्मिक भोज (भंडारा) आयोजित किया जाता है.इस दिन लोग हनुमान जी को चोला चढ़ाते हैं. उनकी पूजा- पाठ करते हैं. इसके साथ ही सुंदरकांड का पाठ किया जाता ह, जिसके बाद प्रसाद लोगों को बंटा जाता है. लोग गरीबों को दान भी करते हैं, और भोजन भी खिलाते हैं.
बड़े मंगल की शुरुआत
देशभर में बड़ा मंगल की परंपरा की शुरूआत 1798-1814 के दौरान हुई थी. जब मोहम्मद अली शाह के बेटे की तबीयत काफी ज्यादा बिगड़ गई थी. इतनी बिगड़ गई कि तमाम इलाज के बाद भी वो ठीक नहीं हुआ .जिसके बाद किसी व्यक्ति ने नवाब और बेगम को लखनऊ के अलीगंज स्थित हनुमान मंदिर में बेटे की सलामती की दुआ मांगने को कहा. दोनों ने अपने बेटे को ठीक करने के लिए ये स्वीकार लिया. जिसके बाद वो लखनऊ के अलीगंज में हनुमान मंदिर गए. जहां उनके बेटे की तबीयत में सुधार आ गया. संतान को स्वस्थ की प्राप्ति होने पर बेगम ने मंदिर के निर्माण का वादा किया था. मंदिर का काम ज्येष्ठ महीने में पूरा हो गया, तभी से यहां बड़ा मंगल मनाया जाता है.