एनएचएआई ने फास्टैग वॉलेट में मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत खत्म की
Source: economictimes.indiatimes.com
नई दिल्ली : भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने फास्टैग वॉलेट में न्यूनतम राशि बनाए रखने की जरूरत खत्म करने का फैसला किया है. इस कदम का मकसद इलेक्ट्रॉनिक टोल प्लाजा पर बाधामुक्त आवाजाही सुनिश्चित करना है.
एनएचएआई ने बताया, ''यातायात की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए और टोल प्लाजा पर लगने वाले समय को कम करने और फास्टैग की पहुंच बढ़ाने के लिए एनएचएआई ने फास्टैग खाते/ वॉलेट में अनिवार्य रूप से न्यूनतम राशि रखने की जरूरत खत्म करने का फैसला किया है. इसे पैसेंजर सेगमेंट (कार, जीप, वैन) के लिए सिक्योरिटी डिपॉजिट के अतिरिक्त देना होता था.''
प्राधिकरण ने कहा कि फास्टैग जारी करने वाले बैंक एकतरफा रूप से सिक्योरिटी डिपॉजिट के अलावा फास्टैग खाते/वॉलेट की कुछ राशि को रोक रहे हैं. इसके चलते कई फास्टैग यूजरों को अपने फास्टैग अकाउंट/वॉलेट में पर्याप्त राशि होने के बावजूद टोल प्लाजा से गुजरने की अनुमति नहीं दी गई.
एनएचएआई के अनुसार, इसके चलते टोल प्लाजा पर बेवजह झंझट और देरी हुई. अगर फास्टैग अकाउंट/वॉलेट में शून्य से नीचे नहीं है, तो अब यूजरों को टोल प्लाजा से गुजरने की अनुमति दी जाएगी. 15 फरवरी से टोल प्लाजा पर भुगतान फास्टैग से करना अनिवार्य होगा.
क्या है फास्टैग? फास्टैग के जरिये आप टोल प्लाजा पर टोल टैक्स का भुगतान कैशलेस कर पाते हैं. यह एक प्रकार का टैग या चिप है जिसे कार की विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है. इसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन का इस्तेमाल होता है. जैसे ही आपकी गाड़ी टोल प्लाजा के पास आती है, टोल प्लाजा पर लगा सेंसर आपके वाहन के विंडस्क्रीन पर लगे फास्टैग को ट्रैक कर लेता है. इसके बाद आपके फास्टैग अकाउंट से उस टोल प्लाजा पर लगने वाला शुल्क कट जाता है. इस तरह आप टोल प्लाजा पर रुके बगैर शुल्क का भुगतान कर पाते हैं.