TDS बकाया रहने पर नहीं शुरू की जा सकती दिवालिया प्रक्रिया, NCLAT ने NCLT कोलकाता पीठ के आदेश को किया खारिज

May 24, 2022
Source: https://www.jagran.com

राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) की कोलकाता पीठ के एक आदेश को खारिज करते हुए NCLAT ने कहा कंपनी के एक परिचालक कर्जदाता से टीडीएस बकाया की वसूली के इन्साल्वेंसी एंड बैंक्रप्सी कोड (IBC) की प्रक्रिया का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है

नई दिल्ली, पीटीआइ। नेशनल कंपनी ला अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने एक फैसले में कहा है कि स्रोत पर कर कटौती (TDS) का भुगतान नहीं करने को आधार बनाकर किसी भी कंपनी के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया नहीं शुरू की जा सकती है। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) की कोलकाता पीठ के एक आदेश को खारिज करते हुए NCLAT ने कहा, 'कंपनी के एक परिचालक कर्जदाता से टीडीएस बकाया की वसूली के इन्साल्वेंसी एंड बैंक्रप्सी कोड (IBC) की प्रक्रिया का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।'

एनसीएलएटी (नेशनल कंपनी ला अपीलेट ट्रिब्यूनल) के चेयरपर्सन न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अगुआई वाली पीठ ने अपने फैसले में कहा, 'टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) का भुगतान नहीं करने के परिणामों का उल्लेख आयकर अधिनियम,1961 में किया गया है और आयकर अधिकारियों के पास इस दिशा में समुचित कदम उठाने की पर्याप्त शक्तियां हैं। पीठ ने कहा कि एनसीएलटी ने इस मामले में टीडीएस नहीं जमा करने को चूक मानते हुए कर्जदार कंपनी के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने का आदेश देकर 'गंभीर त्रुटि' की है।

पीठ ने कहा, 'यह सोचना हमारा काम नहीं है कि टीडीएस का भुगतान हुआ है या नहीं। एनसीएलटी ने आइबीसी कानून की धारा 9 को लागू कर इसमें गंभीर त्रुटि की है। ट्रिब्यूनल ने कहा कि ऐसी स्थिति में एनसीएलटी के आदेश को निरस्त किया जाता है। साथ ही परिचालक ऋणदाता पर दिवालिया प्रक्रिया के दुरुपयोग के लिए एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। एक लाख रुपये की जुर्माना राशि उस कंपनी को देनी होगी, जिसके खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने का अनुरोध किया गया था।

 

दरअसल, एनसीएलटी (राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण) ने टीम टारस रियल्टी एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर की तरफ से 66,884 रुपये और 1.10 लाख रुपये की दो टीडीएस किस्तों का भुगतान नहीं करने पर ऋणदाता की अर्जी के आधार पर कंपनी के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया था।