हरियाणा-दिल्ली के उद्यमियों को आकर्षित कर रही यूपी टेक्सटाइल नीति
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शाहनवाज अली, गाजियाबाद
उत्तर प्रदेश हैंडलूम, पावरलूम, सिल्क, टेक्सटाइल एंड गारमेंटिग पालिसी-2017 व लघु मध्यम व सूक्ष्म उद्योग (एमएसएमइ) एक्ट ने हरियाणा व दिल्ली के उद्यमियों को अपनी ओर आकर्षित किया है। जिले में टेक्सटाइल इकाई लगाने के लिए भूखंड खरीदने पर स्टांप ड्यूटी में शासन की ओर से शत-प्रतिशत की छूट है। दिल्ली व हरियाणा के उद्यमियों को भी यह रास आ रही है। तीन अलग-अलग जगह पर दिल्ली और हरियाणा के उद्यमियों ने लेडी अंडर गारमेंट, शक्कर और खाद के बोरे बनाने की इकाई लगाने के लिए जमीन खरीदी है।
उत्तर प्रदेश टेक्सटाइल पालिसी-2017 में गौतमबुद्ध नगर को छोड़ प्रदेश के सभी जिलों में वस्त्रोद्योग लगाने के लिए खरीदी गई जमीन में शत-प्रतिशत की छूट मिल रही है। गौतमबुद्ध नगर में यह छूट 75 प्रतिशत की है। एमएसएमइ-एक्ट के तहत नए उद्योगों के लिए शासन की ओर से उद्यमियों को 72 घंटे में प्रदूषण, फायर, भूमि, लेबर एवं फैक्ट्री एक्ट का एक ही प्रमाण पत्र मुहैया कराया जा रहा है। यही वजह है कि टेक्सटाइल पालिसी-2017 लागू होने के बाद गाजियाबाद में 100 से अधिक टेक्सटाइल इकाइयां लग चुकी हैं। हाल ही में करीब 200 करोड़ रुपये के निवेश की योजना लेकर आई तीन बड़ी इकाइयों के लिए हरियाणा व दिल्ली के उद्यमियों ने जमीन खरीदी है। नई इकाई लगाने के लिए मोदीनगर व भोजपुर के निकट दतेड़ी औरंगाबाद गांव में 10 हजार गज, पिलखुवा टोल के निकट 70 हजार गज जमीन खरीदी गई है और 80 हजार गज अतिरिक्त खरीदने की तैयारी है। मुरादनगर के अबुपुर गांव में भी 10 बीघा जमीन खरीदी जा चुकी है। इनमें लेडीज गारमेंट व शक्कर, खाद बनाने के लिए बोरे बनाए जाएंगे। हरियाणा-दिल्ली की नजदीकी का गाजियाबाद को लाभ
दिल्ली और हरियाणा के लिए सबसे नजदीक यूपी औद्योगिक विकसित जिला गाजियाबाद व गौतमबुद्ध नगर हैं, लेकिन यहां टेक्सटाइल पालिसी-2017 में गाजियाबाद को 100 व गौतमबुद्ध नगर को 75 प्रतिशत भूमि खरीदने के लिए स्टांप ड्यूटी में छूट है। उद्योग लगाने के लिए गाजियाबाद ही उद्योगों के लिए सबसे ज्यादा आकर्षित कर रहा है, जिसका लाभ जिले को मिल रहा है।
छह हजार से अधिक को मिलेगा रोजगार
हाल ही में यहां दिल्ली व हरियाणा से आने वाले उद्यमियों के लिए गाजियाबाद मुफीद साबित होगा। वहीं, यहां इकाई लगने पर जिले के लोग भी लाभान्वित होंगे। दतेड़ी औरंगाबाद गांव में 10 हजार गज जमीन पर 50 करोड़ की लागत से लगने वाली इकाई में 200, पिलखुवा टोल के निकट 70 हजार गज जमीन पर लगने वाली इकाई में पांच हजार व मुरादनगर के अबुपुर गांव की 10 बीघा जमीन पर लगने वाली इकाई पर एक हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
उत्तर प्रदेश हैंडलूम, पावरलूम, सिल्क, टेक्सटाइल एंड गारमेंटिग पालिसी-2017 व लघु मध्यम व सूक्ष्म उद्योग (एमएसएमइ) एक्ट को लेकर उद्यमी दूसरे प्रदेशों से यहां इकाई लगाने में दिलचस्पी ले रहे हैं। पालिसी-2017 के बाद 100 से अधिक टेक्सटाइल इकाइयां लग चुकी हैं। अभी और इकाइयों के लिए उद्यमी यहां जमीन तलाश रहे हैं।