अटके हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के लिए बनेगा 25 हजार करोड़ रुपये का फंड
अटके हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के लिए बनेगा 25 हजार करोड़ रुपये का फंड
नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने देशभर में करीब 1600 अटकी आवासीय परियोजनाओं को पूरा कराने के लिए 25 हजार करोड़ रुपये के वैकल्पिक निवेश फंड की स्थापना का निर्णय लिया है। इसका मकसद परियोजना प्रमोटरों को कर्ज के जरिये राहत देना है, ताकि हजारों लोगों के अधूरे मकानों को जल्द से जल्द पूरा कर उनके सुपुर्द कर सकें।
पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि इस वैकल्पिक निवेश कोष (एआइएफ) में सरकार 10 हजार करोड़ का योगदान करेगी। बाकी के 15 हजार करोड़ रुपये का योगदान एसबीआइ और एलआइसी की तरफ से होगा। आगे चलकर कोष में सरकार व पेंशन फंडों की भागीदारी बढ़ेगी, तब कोष का आकार बढ़ेगा। सेबी में पंजीकृत फंड के प्रबंधन की जिम्मेदारी एसबीआइ कैप को सौंपी गई है। सीतारमण के अनुसार इस कोष के जरिये देशभर में अटकी पड़ी 1,600 आवासीय परियोजनाओं में 4.58 लाख मकानों को पूरा करने के लिए प्रमोटरों को कर्ज दिया जाएगा। इस कदम से देश में रोजगार सृजन की स्थिति सुधरने के साथ-साथ सीमेंट, लोहा, स्टील उद्योग में मांग बढ़ने की आशा है। इस कोष का इस्तेमाल उन परियोजनाओं में भी किया जा सकेगा, जिन्हें नॉन-परफार्मिग असेट्स या एनपीए घोषित किया जा चुका है अथवा जो दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही हैं।
कोष का इस्तेमाल रेरा द्वारा अनुमोदित परियोजनाओं के लिए किया जाएगा। पेशेवर प्रबंधक परियोजनाओं की पहचान कर उनके लिए निवेश की आवश्यकता तय कर करेंगे। कैबिनेट ने कोष के जिस नए ढांचे को मंजूरी दी है उसमें पहले की दो शर्तो को हटा दिया गया है। इसके लिए अलग-अलग आरबीआइ और बैंकों के अलावा बिल्डरों से भी व्यापक चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया गया है कि इसका लाभ सभी वास्तविक अटकी परियोजनाओं को मिले। लेकिन दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रहे बहुत बिगड़े मामलों का समाधान एनसीएलटी के जरिये ही होगा। इससे पहले सरकार रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए कई कदम उठा चुकी है। इनके तहत 31 मार्च, 2020 तक 45 लाख रुपये तक के मकान के होम लोन पर डेढ़ लाख रुपये तक के ब्याज डिडक्शन की सुविधा दी गई है। बैंकों द्वारा रेपो रेट व एक्सटर्नल बेंचमार्क से लिंक्ड उत्पाद भी लांच किए गए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवासीय परियोजनाओं के लिए 1.42 लाख करोड़ की केंद्रीय सहायता मंजूर की जा चुकी है। नेशनल हाउसिंग बैंक 30 हजार करोड़ रुपये की नकदी हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को उपलब्ध करा चुका है। वहीं, वित्तीय रूप से सक्षम एनबीएफसी की एक लाख करोड़ की परिसंपत्तियों के लिए सरकारी बैंकों को नुकसान की भरपाई के लिए छह माह के लिए एकमुश्त आंशिक कर्ज गारंटी की एक स्कीम भी लांच की गई है। हाउसिंग बिल्डिंग एडवांस पर ब्याज दर को भी कम कर दिया गया है।
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