जीएसटी के बाद एक साल में 80. 84 अरब की कर चोरी
जीएसटी के बाद एक साल में 80. 84 अरब की कर चोरी
जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) लागू होने के एक साल बाद कुल 80 अरब 84 करोड़ 32 लाख रुपये की कर चोरी के मामले पकड़े गए। देश में 2018-19 में धोखाधड़ी के 40,804 मामले हुए दर्ज। इसके बावजूद कर चोरी के मामले में सुधार नहीं हो सका। साल 2019 में सितंबर माह तक धोखाधड़ी के 3,551 मामले दर्ज हुए। इसका पर्दाफाश जीएसटी विभाग से आरटीआइ में मिली जानकारी से हुआ है। केंद्र सरकार ने एक जुलाई, 2017 को गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) लागू किया था। सरकार ने इसे जम्मू-कश्मीर को छोड़कर देश के सभी राज्यों में लागू कर दिया था। टैक्स सुधार के लिए उठाए गए इस कदम के बाद अब चौंकाने वाले परिणाम सामने आए हैं। दैनिक जागरण ने भारत सरकार के वित्त मंत्रलय से जीएसटी से कितना फायदा और नुकसान हुआ, इस संबंध में आरटीआइ के जरिए 16 सितंबर, 2019 को कुछ सवाल पूछे थे। वित्त मंत्रलय के जीएसटी विभाग की जनसूचना अधिकारी रंजना चौधरी ने आरटीआइ के तीन सवालों का जवाब दिया। बताया कि जीएसटी लगने के बाद साल 2018-19 में देश के सभी राज्यों में लगभग 80.84 अरब रुपये की कर चोरी के मामले पकड़े गए। विभागीय अफसरों ने इन मामलों में कार्रवाई करते हुए धोखाधड़ी के 40,804 मामले दर्ज किए। साल 2019 में जुलाई माह तक लगभग 23 हजार करोड़ की कर चोरी के मामले पकड़े गए। कर चोरी के इन मामलों में धोखाधड़ी के 3,551 मामले दर्ज किए गए। वित्त मंत्रलय के जीएसटी विभाग से मिले ये आंकड़े हैरान करने वाले हैं। आरटीआइ में मिली जानकारी के अनुसार साल 2017 में जीएसटी कानून लागू होने के बाद साल 2018 से जुलाई, 2019 तक देश में लगभग सवा लाख करोड़ की कर चोरी हुई और टैक्स चोरी के मामले में देशभर में धोखाधड़ी के 44,355 मामले दर्ज किए गए। वित्त मंत्रलय ने कर चोरी के मामलों में वसूली की भी कार्रवाई की है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में लगभग तीस हजार करोड़ वसूले गए। वहीं साल 2019 में मार्च से जुलाई के बीच लगभग 54 सौ करोड़ की कर चोरी के मामलों में वसूली की गई।
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