हादसे के बाद जागे अग्निशमन जीडीए व शिक्षा विभाग

Jul 05, 2019

हादसे के बाद जागे अग्निशमन जीडीए व शिक्षा विभाग

उद्योग विहार (जून 2019)-गाजियाबाद। सूरत में एक काॅम्पलेक्स में चल रहे कोचिंग सेंटर में आग के बाद 21 छात्रों की मौत के बाद जिले में जीडीए, अग्निशमन व शिक्षा विभाग की नींद खुली है। अब जिले में चल रहे कोचिंग संस्थानों की लिस्ट बनाई जा रही है। दमकल विभाग जहां अभियान चलाने की बात कर रहा है, वहीं शिक्षा विभा एक्ट की दुहाई दे रहा है। एजूकेशन हब के रूप में पहचान बना रहे गाजियाबाद में सैकड़ों की संख्या में कोचिंग सेंटर हैं। वैशाली,वसुंधरा, इंदिरापुरम, आरडीसी, अंबेडकर रोड, राकेश मार्ग, मोदीनगर और मुरादनगर में इस तरह के संस्थानों की संख्या अधिक है। जिले में करीब 500 संस्थान हैं, जबकि डीआइओएस के मुताबिक करीब 200 संस्थान ही रजिस्टर्ड हैं। बाकी बिना रजिस्ट्रेशन के लिए संचालित किए जा रहे हैं। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में भी अग्निशमन व्यवस्था का जिक्र नहीं है। चलाएंगे अभियान: मुख्य अग्निशमन अधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि एक भी कोचिंग सेंटर ने दमकल विभाग से एनओसी नहीं ली है। डीआइओएस से कुल पंजीकृत कोचिंग संस्थानों की लिस्ट मांगी गई है। विभाग ने शनिवार से ही जागरूकता अभियान शुरू कर दिया है। पूरे जिले के 23 इंस्टीट्यूट में शनिवार को दमकल कर्मियों ने जाकर वहां के इंतजामों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि सभी सार्वजनिक स्थानों पर निकासी के दो द्वार होने ही चाहिए। साथ ही वैध तिथि के फायर एक्सटिंग्युइशर भी रखें और समय-समय पर स्टाफ को इन्हें चलाने की ट्रेनिंग भी देते रहें। कोचिंग संचालकों को बताया कि डेकोरेशन में फाइबर, लकड़ी, प्लास्टिक व अन्य अति ज्वलनशील का प्रयोग न करें। इन सबसे आग बेहद तेजी से फैलती है।

यह भी पढ़े-

सुप्रीम कोर्ट में अब अंग्रेजी में ही नहीं बल्कि कई भाषाओं में मिलेंगी फैसले की प्रति जानने के लिए लिंक पे क्लिक करे http://uvindianews.com/news/the-supreme-court-will-now-meet-in-many-languages-not-only-in-english-but-also-in-many-languages

जीडीए भी करेगा जांच: जीडीए ने भी हादसे के बाद अब रिहायशी इलाकों में संचालित हो रहे कोचिंग सेंटर की जांच कराने की बात कही है। जीडीए वीसी कंचन वर्मा ने बताया कि इंदिरापुरम, शास्त्रीनगर, वैशाली समेत विभिन्न क्षेत्रों में जांच करने के लिए प्रवर्तन जोन प्रभारियों को निर्देश दे दिए गए हैं। सभी विभागों को पहले ही स्टैंडिंग आॅर्डर हैं कि अनुमति देने से पहले जीडीए से एनओसी ली जाए। सूरत जैसी घटनाओं पर विराम लगाने के काॅमर्शियल क्षेत्रों की इमारतों में दो निकासी द्वार बनाने की व्यवस्था पर भी विचार किया जा रहा है। सरकारी विभागों में भी नहीं इंतजाम: जिले के सरकारी विभागों में आग से बचने के इंतजाम नाकाफी हैं। नगर निगम में कहने को फायर अलार्म लगा हुआ है। ज्यादातर वक्त वह बंद रहता है। ऐसे में आग लगने पर अलार्म नहीं बजेगा। जीडीए ने वर्ष 2017 में आग लगने की घटना के बावजूद ऐसे हादसों से बचने के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं किए। नियमों की ढील का उठाते हैं फायदा: अपार्टमेंट एक्ट के तहत 15 मीटर से ऊंची बिल्डिंग और 500 वर्गगज से अधिक के कवर्ड एरिया वाले भवन को फायर एनओसी की जरूरत होती है। जीडीए ऐसे भवनों को फायर एनसीओ के बाद ही नक्शा पास करता है। मगर अधिकतर शाॅपिंग कांप्लेक्स इस नियम से बचने को इससे कुछ छोटे भवन बनाते हैं।

यह भी पढ़े-

केरल के चर्च विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, क्या केरल कानून से ऊपर है जानने के लिए लिंक पे क्लिक करे http://uvindianews.com/news/on-the-church-controversy-over-keralas-supreme-court-said-is-kerala-above-the-law