NPA से जूझ रहे बैंकों को एक और झटका, 3 महीने में 32 हजार करोड़ की धोखाधड़ी

Sep 10, 2019

NPA से जूझ रहे बैंकों को एक और झटका, 3 महीने में 32 हजार करोड़ की धोखाधड़ी

मंदी और एनपीए समेत कई समस्याओं से जूझ रहे सरकारी बैंक धोखाधड़ी के भयंकर शिकार हो रहे हैं. धोखाधड़ी की वजह से इन बैंकों को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ रहा है. सूचना के अधिकार के तहत मिली एक जानकारी से पता चला है कि मौजूदा वित्त वर्ष (2019-20) की पहली तिमाही में सार्वजनिक क्षेत्र के 18 बैंकों में कुल 31,898.63 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई है. इस दौरान धोखाधड़ी के 2480 मामले सामने आए हैं.

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल से जून के दौरान चीटिंग के ये केस सामने आए. देश का टॉप पब्लिक सेक्टर बैंक स्टेट बैक ऑफ इंडिया (रइक) को लोगों ने सबसे ज्यादा चूना लगाया. पब्लिक सेक्टर में हुई कुल धोखाधड़ी की 38 फीसदी रकम स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की है. मध्य प्रदेश के नीमच के रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने रविवार को पीटीआई को बताया कि ये जानकारी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के एक अधिकारी ने उन्हें दी है.

चंद्रशेखर गौड़ को आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक, पहली तिमाही में स्टेट बैंक में धोखाधड़ी के 1197 केस सामने आए. इन मामलों में 12,012.77 करोड़ रुपये की हेर-फेर की गई थी. बैंकिंग चीटिंग का दूसरा सबसे बड़ा शिकार इलाहाबाद बैंक रहा. इस बैंक में कुल 2,855.46 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी दर्ज की गई और इस बाबत 381 मामले सामने आए.

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पंजाब नेशनल बैंक में चीटिंग के केस की संख्या तो 100 से कम यानी कि 99 ही रही, लेकिन इन मामलों में लोगों ने इस बैंक को 2,526.55 करोड़ रुपये का नुकसान किया. बता दें कि आरबीआई की ओर से आरटीआई के तहत दी गई जानकारी में बैंकिंग धोखाधड़ी की प्रकृति और इस छल के शिकार बैंक या उसके ग्राहकों को हुए नुकसान का स्पष्ट ब्योरा नहीं दिया गया है. आरबीआई ने कहा कि उसके पास इसके आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं कि इस अवधि में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में धोखाधड़ी के मामलों में कुल कितनी रकम का नुकसान हुआ है.

बैंक ऑफ बड़ौदा में 2,297.05 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 75 मामले, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में 2,133.08 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 45 मामले, केनरा बैंक में 2,035.81 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 69 मामले सामने आए हैं. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 1,982.27 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 194 मामले, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया में 1,196.19 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 31 मामले सामने आए.

मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कॉरपोरेशन बैंक में 16 मामलों में 960.80 करोड़ रुपये, इंडियन ओवरसीज बैंक में 46 मामलों में 934.67 करोड़ रुपये, सिंडिकेट बैंक में 54 मामलों में 795.75 करोड़ रुपये, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में 51 मामलों में 753.37 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ इंडिया में 42 मामलों में 517.20 करोड़ रुपये, यूको बैंक में 34 मामलों में 470.74 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ महाराष्ट्र में 85 मामलों में 253.43 करोड़ रुपये, आंध्रा बैंक में धोखाधड़ी के 23 मामलों में 136.27 करोड़ रुपये, इंडियन बैंक में 37 मामलों में 37.17 करोड़ रुपये और पंजाब एंड सिंध बैंक में धोखाधड़ी के सिर्फ एक मामले में 2.2 लाख रुपये की धनराशि की धोखाधड़ी हुई.

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