सीएसआर खर्च का दायरा बढ़ा
सीएसआर खर्च का दायरा बढ़ा
सरकार ने कंपनियों की तरफ से कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व पर मुनाफे के दो परसेंट राशि खर्च करने के दायरे का विस्तार कर दिया है। अब कम्पनियां इस राशि का इस्तेमाल केंद्र व राज्य सरकारों की तरफ से सुरु किये गए इंक्यूबेटर के साथ साथ विश्वविद्यालयों, IIT समेत अन्य संस्थओ में भी कर सकेंगे। गोवा में शुक्रवार को इकोनॉमी का बूस्टर पैकेज घोसित करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस प्रावधान का भी एलान किया। इसके तहत अब कंपनियां अपने सीएसआर फंड का योगदान राष्ट्रीय लेबोरेट्रीज, सरकारी खर्च पर चल रहे विश्वविद्यालयों ,भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, भारतीय चिकिस्ता अनुसंधान परिषद, वैज्ञानिक व औद्योगिक अनुसंधान परिषद, परमाणु ऊर्जा विभाग, डीआरडीओ, विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से सम्बन्ध लेबोरेट्रीज में भी इस राशि का इस्तेमाल हो सकेगा।
जानकर मान रहे है कि कंपनियां इन संस्थाओ में सीएसआर राशि का योगदान करेगी तो सरकार पर खर्च का दबाव कम होगा। कंपनियों को दी जाने वाली टैक्स राहत से सरकार को करीब 1।45 लाख करोड़ के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ेगा। ऐसे में उसका राजस्व संग्रह प्रभावित होगा। इन परिस्थितियों में सरकार के विकास कार्य प्रभावित न हो, इसमें कंपनियों के सीएसआर फंड में काफी मदद होगी। प्रत्येक कंपनी को अपने पिछले तीन वर्ष के मुनाफे का दो परसेंट सामाजिक दायित्व कार्यो पर व्यय करना अनिवार्य है।
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