डंप यार्ड बन रही दिल्ली
डंप यार्ड बन रही दिल्ली
नई दिल्ली। विश्व के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में शुमार दिल्ली औद्योगिक कचरे का भी डंप यार्ड बनती जा रही है। यहां के औद्योगिक कचरे का न तो निपटान किया जाता है और न ही उसको रिसाइकल करने की कोई व्यवस्था है। यहां तक कि शहर के कुल ठोस कचरे का भी लगभग 50 फीसद ही निस्तारण हो रहा है। यह तथ्य सामने आया है सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस पर जारी की गई स्टेट ऑफ इंडियाज की अपडेटेड रिपोर्ट में। मालूम हो कि यह रिपोर्ट यूं तो फरवरी माह में जारी की गई थी, लेकिन इसका अपडेटेड वर्जन बुधवार देर रात जारी किया गया है। रिपोर्ट दिल्ली-एनसीआर सहित देश भर के प्रदूषण पर खासी तथ्यात्मक जानकारियां सामने लाती है। इस रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में 1,13,600 ऐसी औद्योगिक इकाइयां हैं जिनसे सालाना 4,19,736 मिलियन टन खतरनाक कचरा निकलता है। लेकिन, इसका न तो कहीं निस्तारण किया जाता है और न ही इसके रिसाइकल की कहीं कोई व्यवस्था है। इसी तरह दिल्ली में निकलने वाले ठोस कचरे का भी बमुश्किल 55 फीसद ही निपटान हो रहा है। शेष 45 फीसद भलस्वा, गाजीपुर व ओखला लैंडफिल साइट पर डंप हो रहा है।
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