अमेरिका में हर सातवां डॉक्टर भारतवंशी

Apr 28, 2020

अमेरिका में हर सातवां डॉक्टर भारतवंशी

कोरोना महामारी से जूझ रहे अमेरिका में हर सातवां डॉक्टर भारतीय मूल का है। इस खतरनाक वायरस से मुकाबले में भारतवंशी चिकित्सक अग्रिम मोर्चे पर अहम भूमिका निभा रहे हैं। अमेरिका इस समय पूरी दुनिया में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित है।

भारतीय मूल के चिकित्सकों के संगठन अमेरिकन फिजिशियंस ऑफ इंडियन ओरिजिन (एएपीआइ) के अध्यक्ष डॉ. सुरेश रेड्डी ने कोरोना वायरस के खिलाफ बहादुरी से जंग लड़ रहे हजारों भारतवंशी डॉक्टरों की तारीफ की। उन्होंने कहा, अमेरिका में हर सातवां डॉक्टर भारतीय है और वह वायरस से जंग में अग्रिम मोर्च पर खड़ा है। भारतीय चिकित्सक सैनिकों की तरह वायरस के खिलाफ मुकाबला कर रहे हैं। रेड्डी ने बताया, इस समय पूरी चिकित्सा बिरादरी सेना बन गई है और कोरोना वायरस से संघर्ष कर रही है। यह लड़ाई लंबी चलेगी। यह महामारी एक-दो महीने में खत्म नहीं होने जा रही है। वैक्सीन या एंटीवायरल तैयार होने तक यह वायरस एक या दो साल तक रह सकता है।

सुनियोजित तरीके से हटाएं लॉकडाउन: रेड्डी ने यह सलाह दी है कि दुनिया भर में सरकारों को सुनियोजित तरीके से लॉकडाउन हटाना होगा और बंद पड़ी अर्थव्यवस्थाओं को खोलना होगा अन्यथा लापरवाही होने पर घातक कोरोना वायरस वापसी करेगा और पहले से ज्यादा नुकसान करेगा।

एएपीआइ में एक लाख सदस्य: वर्ष 1982 में स्थापित एएपीआइ अमेरिका में प्रैक्टिस कर रहे एक लाख से ज्यादा चिकित्सकों का प्रतिनिधित्व करता है। भारतवंशी डॉक्टरों के इस संगठन ने चिकित्साकर्मियों के लिए सुरक्षात्मक उपकरण खरीदने के लिए एक लाख डॉलर (करीब 76 लाख रुपये) एकत्र किए हैं। कोरोना महामारी से जंग में अग्रिम मोर्चे पर निभा रहे अहम भूमिका, अमेरिका इस समय पूरी दुनिया में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित |

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