फर्जी श्रमिक यूनियन के नेताओं और श्रम विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से उद्योगपतियों का शोषण
फर्जी श्रमिक यूनियन के नेताओं और श्रम विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से उद्योगपतियों का शोषण
उप-श्रमायुक्त के पास कार्यालय में बैठने का समय नहीं
एक मात्र सहायक श्रमायुक्त द्वारा तारीखों में हेराफेरी करके नियोक्ताओं के खिलाफ एक तरफा निर्णय देकर उत्पीड़न
सहायक श्रमायुक्त शंकर द्वारा फर्जी यूनियन के नेताओं के साथ मिलीभगत करके नियोक्ताओं का उत्पीड़न किया जा रहा है। और यदि कोई कुछ बोलता है तो उसका कारखाना बंद करवाने की धमकी दी जाती है। यह सब उपश्रमायुक्त की नाक के नीचे हो रहा है लेकिन वे मौन हैं। उनसे जब फोन पर मिलने का समय माँगा गया तो वो कहीं व्यस्त थीं।
लॉ ऑफ़ लेबर एडवाइजर्स एसोसिएशन उ प्र के अध्यक्ष सत्येन्द्र सिंह ने कहा की सहायक श्रमायुक्त शंकर ने कई केसों में डायरी में कुछ तारीख लिखी हैं और फाइल में कुछ और तारीख हैं। जिसकी सत्यापित प्रति हमारे पास उपलब्ध है। और ऐसा सिर्फ फर्जी यूनियन के नेताओं को खुश करने के लिए किया जा रहा है। तमाम फर्जी श्रमिक नेताओं के कहने पर शंकर अनाप शनाप कॉस्ट हर केस में लगा रहे हैं और कह रहे हैं की हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। शंकर ने सभी केसों की फाइल में नियोक्ताओं का शोषण करने की नियत से हेराफेरी की है।
सहायक श्रमायुक्त से जब पूछा गया की आपने इतनी अधिक कॉस्ट क्यों लगाई जबकि एक्ट में ऐसा कोई प्रोविजन नहीं है, तो वे बगलें झाँकने लगे। जब उनसे कहा गया की आपने तारीखों में हेराफेरी क्यों की तो उन्होंने कहा की ये हमारे बाबू ने किया है जबकि हकीकत यह है की बाबू बिना उनके इशारे के कुछ कर ही नहीं सकता है। फिर जब महेश बाबू ने डायरी की सत्यापित प्रति वादी को दे दी तो महेश बाबू को सहायक श्रमायुक्त ने खुद तो डाँटा ही साथ ही फर्जी श्रमिक नेता से भी गाली गलौज करवाया। क्योंकि इससे उनकी पोल खुल चुकी थी।
अधिक कॉस्ट लगाने के बाद जब नियोक्ता पक्ष ने कहा की हम कास्ट को श्रमिक के नाम से डिमांड ड्राफ्ट बनाकर जमा कर रहे हैं आप जमा कर लीजिये तो सहायक श्रमायुक्त ने कहा की नहीं हम डिमांड ड्राफ्ट नहीं जमा करेंगे आप नगद पन्द्रह हजार रूपये फर्जी श्रमिक नेता को दे दो नहीं तो तुम्हारे केस में हम गड़बड़ कर देंगे। बहुत कहने के बाद भी शंकर ने डिमांड ड्राफ्ट नहीं लिया और नगद रुपये फर्जी श्रमिक नेता को दिलवाने पर अड़े रहे।
सहायक श्रमायुक्त की इस गुंडागर्दी से नियोक्ताओं के अंदर दहशत है।
और एक तरफ जहाँ उ प्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उद्योगों को बढ़ाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं क्योंकि जब प्रदेश में उद्योग आयेंगे तभी रोजगार भी आएगा। लेकिन श्रम विभाग के कुछ अधिकारी सिर्फ अवैध वसूली के चक्कर में प्रदेश सरकार की कोशिशों पर पानी फेरने पर लगे हुए हैं।
इस पूरे प्रकरण की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की जा रही है और सहायक श्रमायुक्त शंकर को तत्काल प्रभाव से निलम्बित करने की माँग की गयी है।
इस सम्बंध में लॉ आफ लेबर एडवाइजर्स एसोसिएशन उ प्र के अध्यक्ष सत्येन्द्र सिंह , वाइस चेयर मैन आइ एस वर्मा , उपाध्यक्ष डॉक्टर एस एस उपाध्याय , अरविंद श्रीवास्तव , वी डी व्यास , प्रवीण श्रीवास्तव, निरंजन गुप्ता , आशीष माथुर , रितेश वर्मा , धर्मवीर सिंह , धर्मपाल , बृजमोहन , आर के पाल, आर आर सिंह , अमित गौर , योगेश कुमार , संजय सिन्हा , कमलेश , इत्यादि लोगों ने मिलकर सहायक श्रमायुक्त शंकर के इस कृत्य की घोर निन्दा की एवं उनको तुरन्त निलम्बित करने की माँग की ।