'ESIC में नए एंप्लॉयीज के लिए कंपनीकी तरफ से पैसा दे सकती है सरकार'

Feb 18, 2019

'ESIC में नए एंप्लॉयीज के लिए कंपनीकी तरफ से पैसा दे सकती है सरकार'

नई दिल्ली। रोजगार बढ़ाने की कोशिश के तौर पर लेबर मिनिस्ट्री एंप्लाॅयी स्टेट इंश्योरेंस काॅरपोरेशन (ESIC) को हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम में नए एंप्लाॅयीज के लिए एंप्लाॅयर के हिस्से का भुगतान करने पर विचार कर रही है। सरकार ने इस वर्ष के बजट में प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना (PMRPY) के तहत अगले तीन वर्षों तक सभी सेक्टरों में नए एंप्लाॅयीज के लिए एंप्लाॅयी प्राॅविडेंट फंड आॅर्गनाइजेशन (EPFO) के तहत प्राॅविडेंट फंड में एंप्लाॅयर के 12 पर्सेंट के योगदान का खुद भुगतान करने का वादा किया था। ESIC के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इंटी को बताया कि इसका दायरा बढ़ाकर (ESIC) तक करने पर मिनिस्ट्री में चर्चा हुई है। एंप्लाॅयी स्टेट इंश्योरेंस (ESI) एक सेल्फ-फाइनेंसिंग सोशल सिक्योरिटी और हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम है। इसे ESI एक्ट 1948 क तहत ESIC चलाती है। इस स्कीम में 21,000 रूपये प्रति माह तक के वेतन वाले कर्मचारी ESI के लिए 1.75 पर्सेंट और एंप्लाॅयर 4.75 पर्सेंट का योगदान देता है।

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हालांकि, ESIC का फायदा 10 से अधिक कर्मचारियों वाली फर्मो को ही मिलता है, जबकि EPFO के दायरे में 20 या अधिक कर्मचारियों वाली फर्में आती हैं। सरकार को हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम में एंप्लाॅयर के योगदान का भुगतान करने के दो फायदे दिख रहे हैं। अधिकारी ने बताया, ‘इससे फाॅर्मल सेक्टर में अधिक नौकरियां बन सकेंगी और EPF एक्ट के दायरे में न आने वाली 10-20 कर्मचारियों वाली फर्मों को अपने कर्मचारियों को सोशल सिक्योरटिी उपलब्ध कराने का प्रोत्साहन मिलेगा।’ एक्ट के तहत 8.98 लाख से अधिक फैक्टरियों और प्रतिष्ठान आते हैं और इससे तीन करोड़ से अधिक परिवारों को फायदा मिलता है। ESIC के पास 12.40 करोड़ से अधिक लाभार्थी हैं। इसके पास 160 हाॅस्पिटल और 1,489 डिस्पेंसरी हैं। ESIC के 160 हाॅस्पिटल में से लगभग 35 केंद्र सरकार और बाकी संबंधित राज्य सरकारें चलाती हैं। इसके लिए केंद्र बीमा वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए 3,000 रूपये सालाना का योगदान देता है। ESIC के तहत बीमारी, मेटरनिटी और नकद लाभ उपलब्ध कराए जाते हैं। एक्ट के तहत बीमा वाले व्यक्ति को नौकरी शुरू करने के साथ ही परिवार सहित चिकित्सा लाभ मिलते हैं। इसमें प्राइमरी हेल्थकेयर सर्विसेज से लेकर बड़ी बीमारियों तक का इलाज शामिल है। ओपीडी सर्विसेज डिस्पेंसरियों के जरिए उपलब्ध कराई जाती हैं, जबकि ESI के हाॅस्पिटल्स या इसके नेटवर्क में आने वाले अन्य हाॅस्पिटल्स में भर्ती होकर इलाज कराया जा सकता है।

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