IMF ने भारत के GDP ग्रोथ अनुमान को फिर घटाया, मांग में कमी को बताई वजह

Jul 24, 2019

IMF ने भारत के GDP ग्रोथ अनुमान को फिर घटाया, मांग में कमी को बताई वजह

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत के 2019-20 के आर्थिक वृद्धि (जीडीपी ग्रोथ) के अनुमान को आंशिक रूप से कम करके 7 फीसदी कर दिया है. आईएमएफ के वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक अपडेट के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था 2019-20 में 7 फीसदी की दर से वृद्धि करेगी और 2020-21 में 7.2 फीसदी की दर से बढ़ेगी. आईएमएफ ने कहा है कि घरेलू मांग उसके पूर्व अनुमान के मुकाबले कमजोर रह सकती है. आईएमएफ ने अप्रैल के अपने आउटलुक में भी भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर अनुमान को घटा दिया था.

इसके पहले अपने आउटलुक में IMF ने भारतीय अर्थव्यवस्था में 2019-20 में 7.3 फीसदी की दर से और 2020-21 में 7.5 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया था. अपडेट में मंगलवार को कहा गया, 'दोनों सालों के लिए 0.3 फीसदी अंक की गिरावट घरेलू मांग में उम्मीद से ज्यादा गिरावट प्रदर्शित करती है.' हालांकि इसके बावजूद भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था रहेगा.

आईएमएफ के अनुसार चीन में टैरिफ बढ़ने और कमजोर विदेशी मांग की वजह से अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ा है. चीन पहले से ही संरचनात्मक सुस्ती और कर्ज पर उच्च निर्भरता का सामना कर रहा है. इसलिए चीन में जीडीपी 2019 में 6.2 फीसदी की दर से और 2020 में 6 फीसदी की दर से बढ़ेगी. यह अप्रैल के आईएमएफ के वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक के मुकाबले 0.1 फीसदी कम है.

यह भी पढ़े-

कर्नाटक राजनीतिक संकट स्पीकर ने उम्मीद जताई आज हो सकता है फ्लोर टेस्ट बुधवार को SC में सुनवाई, जानने के लिए लिंक पे क्लिक http://uvindianews.com/news/karnataka-political-crisis-speaker-hopes-today-may-be-the-floor-test-hearing-on-wednesday-in-sc

इसके पहले रिजर्व बैंक और एशियाई विकास बैंक ने भी भारत के ग्रोथ रेट के अनुमान को घटा दिया था. आईएमएफ ने अप्रैल महीने में भी अक्टूबर की तुलना में 2019-20 के लिए भारत की वृद्धि दर के अनुमान में 0.1 प्रतिशत और 2020-21 के लिए 0.2 फीसदी की कमी की थी. आईएमएफ के अप्रैल के विश्व आर्थिक परिदृश्य में कहा गया था कि संरचनात्मक और वित्तीय क्षेत्र के सुधारों के क्रियान्वयन के साथ सार्वजनिक ऋण में कटौती के जरिये ही देश की आर्थिक वृद्धि की संभावनाओं को मजबूत  किया जा सकता है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने चेतावनी देते हुए कहा था कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए यह नाजुक मौका है. वैश्विक अर्थव्यवस्था ने जो रफ्तार पकड़ी थी व्यापार तनाव, ब्रेक्जिट और दूसरे कारणों से वह धीमी पड़ गई है.

आईएमएफ ने कहा था कि इस साल की दूसरी छमाही में वैश्विक वृद्धि रफ्तार पकड़ेगी और इसके बाद 2020 में यह 3.6 फीसदी पर पहुंच सकती है. हालांकि, इसके लिये कई चीजें हैं जिन्हें सही दिशा में आगे बढ़ना होगा. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का चीन के साथ जारी व्यापार युद्ध का भी सकारात्मक समाधान होना चाहिए.

यह भी पढ़े-

वकीलों की सुरक्षा के लिए दिशानिर्देशों की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, जानने के लिए लिंक पे क्लिक http://uvindianews.com/news/on-the-petition-seeking-guidelines-for-the-protection-of-lawyers-the-supreme-court-said-go-to-bci