वैश्विक आतंकवाद को बढ़ावा दे रही जमात

Apr 20, 2020

वैश्विक आतंकवाद को बढ़ावा दे रही जमात

तब्लीगी जमात इस्लाम के प्रचार-प्रसार के नाम पर युवाओं को गुमराह कर आतंकवाद के रास्ते पर धकेल रही है। यह आतंकवाद की पहली नर्सरी है और यहां से निकले युवाओं को आतंकवादी संगठन हाथोहाथ लेते हैं। अमेरिका सहित विश्व के कई देशों ने इस संगठन को मानव जाति के लिए खतरनाक मानते हुए अपने यहां प्रतिबंधित कर दिया है, लेकिन देश की केंद्र सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। केंद्र सरकार इस संगठन को पूरे देश में प्रतिबंधित कर कड़ी कार्रवाई करे, अन्यथा यह देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन जाएंगे। यह कहना है उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह का। प्रकाश सिंह ने शनिवार ट्वीट किया था कि पाकिस्तानी आतंकी संगठन हरकत-उल- मुजाहिदीन के संस्थापक के तब्लीगी जमात से संबंध रहे हैं और जमात के छह हजार से अधिक सदस्यों को पाकिस्तान में हरकत- उल- मुजाहिदीन के आतंकी कैंप में प्रशिक्षित किया जा चुका है। दैनिक जागरण संवाददाता ने इस संबंध में जब प्रकाश सिंह से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि वर्ष 1927 में अपनी स्थापना के कुछ साल बाद ही तब्लीगी जमात ने रंग दिखाना शुरू कर दिया था। वर्ष 1963 से 1973 तक आइबी में तैनाती के दौरान उन्होंने केंद्र सरकार को जमात से जुड़ी तमाम गोपनीय रिपोर्ट दी थीं, लेकिन तत्कालीन कांग्रेस सरकार के रवैये के कारण इन रिपोट्र्स पर ध्यान नहीं दिया गया। इस बीच सरकारें बदलती रहीं और जमात गुपचुप तरीके से अपना काम करती रही। कश्मीर में दो दशक से फैला रहे आतंकवाद उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद का एक बड़ा कारण तब्लीगी जमात है। ये दो दशक से भी अधिक समय से लोगों का मस्तिष्क परिवर्तन कर रहे हैं। यह इस्लाम के नाम पर युवाओं को देश की संस्कृति से दूर करके ग्लोबल जेहाद का नारा देकर इस्लामिक स्टेट और हरकत उल मुजाहिदीन जैसे खतरनाक आतंकी संगठनों की ओर आर्किषत कर रहे हैं। सीमापार आतंकी संगठनों में भर्ती के लिए घाटी के युवा जाते हैं तो उनसे सबसे पहले यही पूछा जाता है कि क्या तब्लीगी जमात में ट्रेनिंग ली है। हां कहने वाले को वरीयता दी जाती है।
तो सामने न आता भयानक चेहरा उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के कारण ही तब्लीगी जमातियों का असली चेहरा सामने आया है। वह जिस तरह से चिकित्सकों और पुलिसर्किमयों के साथ पेश आ रहे हैं वह यह बताने के लिए काफी है कि इन्हें न तो देश से प्रेम है और न कानून से। सरकार को अब इनसे इन्हीं की भाषा में बात करनी होगी। पूरे देश में तब्लीगियों से जुड़े लोगों का रिकार्ड खंगाला जाए। उनकी ट्रैवल हिस्ट्री चेक कर ऐसी कारवाई की जाए जो मिसाल बन जाए।

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