सुप्रीम कोर्ट ने दरवेश की हत्या की CBI जांच वाली PIL पर सुनवाई से इनकार किया, महिला वकीलों की सुरक्षा के लिए नई PIL दाखिल करने को कहा

Jun 26, 2019

सुप्रीम कोर्ट ने दरवेश की हत्या की CBI जांच वाली PIL पर सुनवाई से इनकार किया, महिला वकीलों की सुरक्षा के लिए नई PIL दाखिल करने को कहा

उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की चेयरपर्सन दरवेश यादव की आगरा कोर्ट परिसर में हत्या के मामले की जांच उइक से कराने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया। इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल हो याचिका जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बी. आर. गवई की अवकाश पीठ ने सुनवाई के दौरान यह कहा कि याचिकाकर्ता इस हत्या की सीबीआई जांच को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करे। पीठ ने ये भी कहा कि अगर याचिकाकर्ता बड़े मुद्दे पर यानी अदालत परिसरों में महिला वकीलों की सुरक्षा को लेकर दिशा- निर्देश चाहती हैं तो वो नई याचिका दाखिल कर सकती हैं। महिला वकील इंदू कौल ने दाखिल की थी याचिका महिला वकील इंदू कौल की इस याचिका में कहा गया था कि आगरा कोर्ट परिसर में हुई इस हत्या की जांच उइक से कराई जानी चाहिए और राज्य की पुलिस को जांच रिपोर्ट देने के निर्देश दिए जाने चाहिए। याचिका में उठायी गयी मांगें याचिका में यह भी कहा गया था कि महिला वकीलों का सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाएं जबकि बार काउंसिल ऑफ इंडिया को सभी महिला वकीलों की सामाजिक सुरक्षा योजना बनाने के लिए दिशा-निर्देश दिए जाएं। याचिका में दरवेश के परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने के लिए उत्तर प्रदेश बार काउंसिल को निर्देश देने का आग्रह भी किया गया था।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया था राज्य सरकार को निर्देश इससे पहले 13 जून को मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को यह निर्देश दिया था कि वो राज्य के सभी कोर्ट परिसरों में फुलप्रूफ सुरक्षा सुनिश्चित करे। यूपी बार काउंसिल की पहली महिला चेयरपर्सन 38 वर्षीय दरवेश यादव की आगरा जिला अदालत परिसर के अंदर उनके सहयोगी मनीष शर्मा ने कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी थी। उच्च न्यायालय के रजिसट्रार जनरल ने जारी किया था बयान "मुख्य न्यायाधीश (जस्टिस गोविंद माथुर) ने उक्त घटना को गंभीरता से लिया है," एक बयान में उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल ने यह कहा था। मुख्य न्यायाधीश ने कानूनी बिरादरी को यह भी आश्वासन दिया है कि उच्च न्यायालय राज्य के सभी न्यायालय परिसरों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठा रहा है।

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