अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, खुली अदालत में 2 अगस्त से रोजाना सुनवाई

Jul 18, 2019

 अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, खुली अदालत में 2 अगस्त से रोजाना सुनवाई

नई दिल्ली: अयोध्या विवाद मामले में मध्यस्थता कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। सभी पक्षों से हुई बातचीत के आधार पर इस रिपोर्ट को तैयार किया गया है जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट तय किया कि 2 अगस्त से इस मामले की रोजाना सुनवाई होगी। इस मामले को सुलझाने के लिए बनाई गई मध्यस्थता समिति की रिपोर्ट को आज पांच जजों की संविधान पीठ ने देखी। सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में मध्यस्थता पैनल को 31 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है। बता दें कि इस मामले पर याचिकाकर्ता गोपाल सिंह विशारद ने भी एक याचिका देकर मध्यस्थता प्रक्रिया को रोकने और मामले की तेजी से सुनवाई करने की अपील की थी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 11 जुलाई को इस मुद्दे पर रिपोर्ट मांगी थी और कहा था कि अगर अदालत मध्यस्थता कार्यवाही पूरी करने का फैसला करती है तो 25 जुलाई से रोजाना आधार पर सुनवाई शुरू हो सकती है। 

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पीठ ने तीन सदस्यीय मध्यस्थता समिति के अध्यक्ष और शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) एफ एम आई कलीफुल्ला से अब तक हुई प्रगति और मौजूदा स्थिति के बारे में 18 जुलाई तक उसे अवगत कराने को कहा था। पीठ ने 11 जुलाई को कहा था, रिपोर्ट 18 जुलाई को प्राप्त करना सुविधाजनक होगा जिस दिन यह अदालत आगे के आदेश जारी करेगी। पीठ में न्यायमूर्ति एस एस बोबडे, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस ए नजीर भी शामिल हैं। पीठ ने मूल वादियों में शामिल गोपाल सिंह विशारद के एक कानूनी उत्तराधिकारी द्वारा दाखिल आवेदन पर सुनवाई करते हुए आदेश जारी किया। आवेदन में विवाद पर न्यायिक फैसले की और मध्यस्थता प्रक्रिया समाप्त करने की मांग की गयी थी। आरोप लगाया गया था कि इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं हो रहा। पीठ ने कहा था कि अदालत मध्यस्थता समिति द्वारा दाखिल रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद 18 जुलाई को उचित आदेश जारी करेगी। समिति में आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पांचू भी शामिल हैं।

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