घोटाले का आरोपी यादव सिंह साढ़े तीन साल बाद जेल से रिहा

Dec 11, 2019

घोटाले का आरोपी यादव सिंह साढ़े तीन साल बाद जेल से रिहा

-उद्योग विहार (दिसंबर 2019)- गाजियाबाद। 
नोएडा प्राधिकरण टेंडर घोटाले के आरोपी पूर्व मुख्य अभियंता यादव सिंह साढ़े तीन साल बाद सोमवार को डासना जेल से रिहा हो गया। यादव सिंह को बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी, जिसके बाद सीबीआई कोर्ट ने पांच-पांच लाख रुपये के मुचलके व दो जमानती पेश करने के बाद यादव सिंह का रिहाई परवाना जारी कर दिया। दस्तावेजों के सत्यापन के बाद डासना जिला कारागार से दोपहर एक बजे उसे रिहा कर दिया गया। गौरतलब है कि 2001 से 2007 केबीच नोएडा प्राधिकरण में अंडर ग्राउंड केबल डालने का करोड़ों का कार्य कराया गया था। उक्त कार्य में गड़बड़ी व नियमों को दरकिनार करने के आरोप लगाते हुए शिकायत की गई थी। शासन द्वारा कोई कार्रवाई न करने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की गई। इसके बाद सीबीआई ने मामले की जांच की थी। जांच में सामने आया कि कार्य पूरा होने के बाद नजदीकियों व चहेती कंपनियों को कार्य का टेंडर दिया गया। सीबीआई ने प्राधिकरण के तत्कालीन पूर्व मुख्य अभियंता यादव सिंह सहित 11 लोग व 3 कंपनियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। साक्ष्य जुटाकर सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट पेश की गई थी। चार्जशीट दाखिल होने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने यादव सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। मार्च 2016 में यादव सिंह को गिरफ्तार किया गया था, तभी से यादव सिंह जेल में था। यादव सिंह को जमानत पर रिहा कराने के लिए उसके अधिवक्ताओं ने सीबीआई कोर्ट में याचिका डाली, जहां खारिज हो गई। इसकेबाद हाईकोर्ट में जमानत अर्जी डाली गई, लेकिन वहां भी राहत नहीं मिल सकी। इसके बाद जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में जमानत अर्जी डाली गई। तीनों मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने एक साथ यादव सिंह की जमानत स्वीकार कर ली। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के यादव सिंह के अधिवक्ताओं ने सीबीआई कोर्ट में दाखिल किया।जमानत मिलने की जानकारी लगने पर यादव सिंह केपरिजन, रिश्तेदार व जानकारी काफी संख्या में सीबीआई कोर्ट पहुंच गए। सीबीआई कोर्ट ने 5-5 लाख रुपये केबांड व दो जमानती पेश करने के आदेश दिए औपचारिकताएं पूरी होने के बाद कोर्ट ने रिहाई परवाना जारी कर दिया। परवाना पहुंचने केबाद डासना जेल प्रशासन ने यादव सिंह को रिहा कर दिया। जेल के बाहर यादव सिंह की पत्नी, बेटा व बेटी पहले ही पहुंच गए थे। जेल से बाहर होते ही यादव सिंह सभी से गले मिला और रवाना हो गया।

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