डब्ल्यूएचओ निर्देशित कीटाणुनाशक कोरोना वायरस के खिलाफ प्रभावी

Apr 21, 2020

डब्ल्यूएचओ निर्देशित कीटाणुनाशक कोरोना वायरस के खिलाफ प्रभावी

शोधकर्ताओं ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की सिफारिश पर मुहर लगाई विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में हाथ में लगाने वाले जिस अल्कोहल युक्त कीटाणुनाशक (हैंड सैनिटाइजर) के इस्तेमाल की सिफारिश की है, शोधकर्ताओं ने उसके कारगर होने पर मुहर लगा दी है। हालिया अध्ययन में डब्ल्यूएचओ निर्देशित कीटाणुनाशक को कोरोना के खिलाफ प्रभावी पाया गया है। जर्मनी की रूर बोचम यूनिवर्सिटी (आरयूबी) के अनुसंधानकर्ताओं ने यह अध्ययन किया है। मेडिकल जर्नल ह्यएमर्जिग इंफेक्शियस डिजीजह्ण ने इस शोध को विस्तार से प्रकाशित किया है। वैज्ञानिकों के अनुसार, कोरोना से लड़ाई में डब्ल्यूएचओ द्वारा बताए गए दोनों कीटाणुनाशक यौगिक दवा कंपनियों द्वारा आसानी से तैयार किए जा सकते हैं और इस प्रकार बाजार में कीटाणुनाशक की कमी को दूर किया जा सकता है। शोधकर्ताओं का कहना है, ह्यअपने अध्ययन में हमने कोरोना फैलाने वाले सार्स कोविड-2 वायरस को डब्ल्यूएचओ द्वारा बताए गए दोनों यौगिकों के समक्ष 30 सेकेंड तक रखा, ताकि जांच में यह पता लगाया जा सके कि इनमें से कितने वायरस संक्रमित करने के लिए सक्रिय रह पाते हैं। हमने पाया कि दोनों यौगिकों ने तीस सेकेंड के भीतर पर्याप्त संख्या में कोरोना को निष्क्रिय कर दिया। शोध टीम के प्रमुख प्रोफेसर स्टीफन फैंडर के मुताबिक,हाथ में लगाने वाले सैनिटाइजर के लिए निर्धारित वक्त के आधार पर ही हमने जांच के दौरान तीस सेकेंड का समय चुना। डब्ल्यूएचओ द्वारा कीटाणुनाशक के लिए बताए यौगिकों में मुख्य रूप से अल्कोहल, एथेनॉल और आइसोप्रोपेनॉल शामिल है। विश्व स्थास्थ्य संगठन की सिफारिश वाले कीटाणुनाशक के पहले यौगिक में 80त्न एथेनॉल, 1.45 ग्लिसरीन और 0.125 हाइड्रोजन पेराक्साइड है। इसी तरह दूसरे यौगिक में 75 आइसोप्रोपेनॉल, 1.45 ग्लिसरीन और 0.125 हाइड्रोजन पेराक्साइड है। हाथ के अलावा इमारतों व वस्तुओं को सैनेटाइज करने को डब्ल्यूएचओ ने सोडियम हाइपोक्लोराइट, क्लोरिन, ब्लीच साल्युशन जैसे कीटाणुनाशक के इस्तेमाल करने की भी सिफारिश की है।

जेनेवा, आइएएनएस डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेबरेसस ने चेतावनी दी है कि कोरोना के प्रकोप का सबसे खराब समय अभी आने वाला है। कई देश जिस तरह प्रतिबंधात्मक उपायों में ढील दे रहे हैं, महामारी नए खतरे की घंटी उठा रहा है। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हम पर विश्वास कीजिए। सबसे खराब समय अभी आने वाला है। हमें इस आपदा को रोकना होगा। बहुत सारे लोग इस वायरस को अब तक नहीं समझ सके हैं।

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने यह स्पष्ट नहीं किया कि वह क्यों मानते हैं कि 1,66,000 से अधिक लोगों के मारे जाने बाद भी इससे बदतर हो सकता है। हालांकि, कुछ लोगों ने अफ्रीका के माध्यम से बीमारी के संभावित प्रसार की ओर इशारा किया है, जहां स्वास्थ्य प्रणालियां बहुत कम विकसित हैं। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस ने रविवार को जी-20 समूह के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ वचरुअल बैठक में कहा, हम इस बात को लेकर उत्साहित हैं कि जी-20 के कई देश सामाजिक प्रतिबंधों में ढील देने पर विचार कर रहे हैं, लेकिन महत्वपूर्ण है कि यह प्रक्रिया चरणबद्ध हो।

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेबरेसस ने सोमवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने कोरोना को लेकर ऐसी कोई जानकारी अमेरिका से नहीं छिपाई, जो उसके पास थी। उन्होंने कहा कि जेनेवा में डब्ल्यूएचओ मुख्यालय में काम कर रहे अमेरिकी सरकार के लोगों की मौजूदगी का मतलब है कि पहले दिन से अमेरिका से कुछ भी छिपा नहीं है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने एडवाइजरी जारी कर कार्टिरेज आधारित न्यूक्लिक एसिड एम्प्लीफिकेशन टेस्ट (सीबीएनएएटी) की सुविधा वाले सरकारी और निजी लैबों से आवेदन मांगा है। इसका इस्तेमाल टीबी (तपेदिक) के इलाज में होता है। सीबीएनएएटी के आपातकालीन उपयोग के तहत कोविड-19 परीक्षण के लिए अमेरिका की शीर्ष स्वास्थ्य शोध संस्था एफडीए (यूएस-फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) की ओर से मंजूरी दी गई है। सीबीएनएएटी सुविधा वाले सरकारी व निजी लैब से आवेदन मांगा |

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